जयपुर , अक्टूबर 28 -- राजस्थान में नये पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान (वेटरिनरी) डिप्लोमा एवं डिग्री कॉलेज खोलने के लिए पशुपालन विभाग फिर से आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ करेगा।

इसके लिए नवंबर में सात दिन के लिए पोर्टल खोला जाएगा, जिसमें ऑनलाइन आवेदन भरे जा सकेंगे।

शासन सचिवालय में मंगलवार को राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर और जोबनेर की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने यह निर्देश दिए। इस समीक्षा बैठक में राज्य की दोनों विश्वविद्यालयों से संबद्ध महाविद्यालयों में नये शिक्षा सत्र में केंद्रीयकृत मार्गदर्शन प्रणाली के तहत प्रवेश प्रक्रिया सुनिश्चित करने, यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध अस्पतालों में निःशुल्क दवाएं उपलब्ध करवाने सहित विभिन्न मुददों पर चर्चा हुई।

बैठक में श्री कुमावत ने निर्देश दिए कि नए वेटरिनरी कॉलेज खोलने के लिए फिर से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। इसके लिए पूर्व में आवेदन कर चुके आवेदकों को दस्तावेज अद्यतन करने का भी मौका देने का निर्णय लिया गया। इस मौके पर मंत्री श्री कुमावत ने कहा कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए जो भी कॉलेज या अधिकारी जिम्मेदार होगा उसके विरूद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

वेटरिनरी काउंसिल ऑफ इंडिया (वीसीआई) की गाइडलाइन के विपरीत छात्रों को प्रवेश देने वाले महाविद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय अब वीसीआई लेगी। इसके लिए श्री कुमावत के निर्देश पर संबंधित वेटरिनरी यूनिवर्सिटी, जांच में प्रथम दृष्टयता दोषी पाए गए महाविद्यालयों की जांच रिपोर्ट का प्रस्ताव बनाकर वीसीआई को भेजेगी।

समीक्षा बैठक के दौरान पशुपालन मंत्री ने वेटरिनरी कॉलेजों के फैकल्टी स्टाफ की उपस्थिति बायोमेट्रिक प्रणाली से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो कॉलेज इसकी पालना नहीं कर रहे हैं उन्हें अब चेतावनी नहीं दी जाएगी, बल्कि उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जायेगी। उन्होंने कहा कि वीसीआई द्धारा निर्धारित 30 नवंबर-2025 की डेडलाइन के बाद भी कोई कॉलेज नियमों की अवहेलना करता पाया गया तो उसमें नए शिक्षा सत्र के तहत प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

बैठक में वेटनरी यूनिवर्सिटी में संचालित सम्बद्ध अस्पतालों में पशुओं के उपचार के लिए निःशुल्क दवाएं उपलब्ध करवाने, चार नए प्रस्तावित वेटनरी कॉलेज के भवन निर्माण, विश्वविद्यालयों में पीजी प्रोग्राम की सीटों की संख्या 75 करने का भी निर्णय लिया गया।

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