चंडीगढ़ , नवंबर 18 -- पंजाब के बिजली मंत्री संजीव अरोड़ा ने मंगलवार को कहा कि पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) अब आवेदकों द्वारा अनिवार्य शपथ-पत्र प्रस्तुत करने के बाद बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के बिजली कनेक्शन जारी करेगा।

श्री अरोड़ा ने कहा कि पहले आवेदकों को बिजली कनेक्शन प्राप्त करने से पहले नगर निगमों, गमाडा, ग्लाडा, जेडीए, एडीए, पीडीए या बीडीए जैसे स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा जारी एनओसी, नियमितीकरण प्रमाणपत्र या स्वीकृत भवन योजना जैसी स्वीकृतियां प्रस्तुत करनी होती थीं।

उन्होंने कहा, " विभिन्न विभागों से इन स्वीकृतियों की अनुपलब्धता या देरी के कारण लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक व्यावहारिक समाधान खोजने का निर्देश दिया था। आज उस समाधान को लागू कर दिया गया है।"संशोधित निर्देशों के अनुसार, अब सभी आवेदकों को आपूर्ति संहिता 2024 के लागू प्रावधानों के अनुसार, आवेदक द्वारा यह वचनबद्धता प्रस्तुत करने पर कि यदि परिसर को बाद में किसी उपयुक्त प्राधिकारी द्वारा अवैध या अनधिकृत घोषित किया जाता है, तो उनका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा, बिजली आपूर्ति कनेक्शन जारी किया जाएगा। इसके अलावा, आवेदक को आपूर्ति संहिता 2024 के अनुसार देय सभी सामान्य लागू शुल्कों के अतिरिक्त, विघटन शुल्क को कवर करने के लिए सेवा कनेक्शन शुल्क के बराबर राशि का भुगतान सुरक्षा के रूप में करना होगा।

श्री अरोड़ा ने स्पष्ट किया कि नयी व्यवस्था जन सुविधा और आवश्यक सुरक्षा उपायों के बीच संतुलन स्थापित करती है। उन्होंने कहा, "सरकार का मानना है कि हर घर को आवश्यक सेवाओं तक पहुंच का अधिकार है। यह निर्णय सुनिश्चित करता है कि नागरिक बिजली से वंचित न रहें।"उन्होंने कहा कि बिजली कनेक्शन प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्रों का सरलीकरण और अभिलेखों का डिजिटलीकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।

इससे पहले, पीएसपीसीएल ने निर्णय लिया था कि एलटी (निम्न दाब) श्रेणी के अंतर्गत 50 किलोवाट तक के नये कनेक्शन या भार में परिवर्तन चाहने वाले आवेदकों या उपभोक्ताओं को परिसर में विद्युत स्थापना के लिए किसी लाइसेंस प्राप्त विद्युत ठेकेदार से कोई परीक्षण रिपोर्ट या कोई स्व-प्रमाणन/हस्ताक्षरित दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी।

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