भुवनेश्वर , अक्टूबर 18 -- ओडिशा अपराध शाखा की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने शनिवार को हेजेक्स फंड के ओडिशा प्रमुख प्रताप कुमार राउत को देश के दस राज्यों में तीन लाख से अधिक जमाकर्ताओं से कथित तौर पर 1000 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया।
ईओडब्ल्यू ने एक विज्ञप्ति में कहा कि राउत को कटक से गिरफ्तार किया गया और उसे ओपीआईडी अधिनियम, कटक की निर्दिष्ट अदालत में पेश किया जाएगा।
राउत पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं और 120-बी के साथ पीसीएमसीएस (प्रतिबंध) अधिनियम की धाराओं और आईटी अधिनियम की धारा 66(डी) और बीयूडीएस अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यह मामला बिजय कुमार पाणिग्रही की शिकायत के बाद दर्ज किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि हेजेक्स फंड एलएलपी में 92.6 लाख रुपये का निवेश किया था, जिसके नामित साझेदार दिनेश कुमार जैन और कुलदीप सिंह पंवार हैं।
उन्होंने बताया कि राउत ने कथित तौर पर उन्हें 11 प्रतिशत से 18 प्रतिशत तक मासिक रिटर्न का वादा करके अपनी बचत निवेश करने के लिए राजी किया। कुछ महीनों के बाद कंपनी ने निवेशकों के धन को अवरुद्ध करते हुए परिचालन बंद कर दिया।
ओडिशा समन्वयक के रूप में राउत ने कई बैंक खाते संचालित किए, नकद और हवाला चैनलों के माध्यम से धन एकत्र किया और अधिक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कटक और भुवनेश्वर में प्रचार बैठकें आयोजित कीं।
ईओडब्ल्यू के अनुसार यह धोखाधड़ी एक पोंजी स्कीम मॉडल पर आधारित थी, जिसमें शुरुआत में निवेशकों का विश्वास जीतने के लिए छोटे-छोटे आवधिक रिटर्न का वादा किया गया था, लेकिन बाद में अचानक अपना परिचालन बंद कर दिया गया और जनता का पैसा लेकर गायब हो गए।
प्रारंभिक जाँच से पता चला है कि हेजेक्स फंड एलएलपी 2023 में गोवा के रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज में पंजीकृत हुआ था, लेकिन इसका नेटवर्क 10 राज्यों में फैला हुआ था जिनमें आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु, दिल्ली और ओडिशा शामिल हैं , जिससे तीन लाख से ज़्यादा जमाकर्ता प्रभावित हुए।
धोखाधड़ी की गई कुल राशि 1,000 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है। कंपनी ने निवेशकों को धोखा देने के लिए 2023 और 2024 के बीच कौशल्या फाउंडेशन, लव्या वर्ल्ड, फ्रिक्स मार्केट और लव्या इंटरनेशनल सहित कई सहयोगी कंपनियाँ भी शुरू कीं।
ईओडब्ल्यू ने राउत के कब्जे से कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ ज़ब्त किए हैं।
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