भोपाल , नवंबर 7 -- मध्यप्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती दी है कि वे अनुसूचित जाति की बेटी से विवाह कर समाज में समानता की मिसाल पेश करें। डॉ. सिंह ने आरोप लगाया कि शास्त्री अपने क्षेत्र में जातिवाद मिटाने के बजाय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एजेंडे को बढ़ावा दे रहे हैं।
डॉ. सिंह ने यह बयान "सनातन हिंदू एकता पदयात्रा" के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि यदि धीरेंद्र शास्त्री अनुसूचित जाति की बेटी से विवाह करते हैं, तो वे स्वयं उनके भक्त बन जाएंगे, उन्हें धन्यवाद देंगे और प्रणाम करेंगे। डॉ. सिंह के अनुसार, शास्त्री के गृह क्षेत्र छतरपुर में अब भी जातिगत भेदभाव व्याप्त है, जहाँ अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों को अलग से भोजन कराया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि शास्त्री वास्तव में समाज में एकता और समानता लाना चाहते हैं, तो उन्हें इस भेदभावपूर्ण व्यवस्था को समाप्त करने की पहल करनी चाहिए।
डॉ. सिंह ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री जैसे प्रभावशाली लोगों की जिम्मेदारी है कि वे अपने आचरण से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाएं। केवल प्रवचनों से नहीं, बल्कि व्यवहारिक कदमों से समाज सुधार की दिशा में कार्य करें।
इस बयान पर प्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग ने पलटवार करते हुए कहा कि बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री हिंदू समाज को एकजुट करने का कार्य कर रहे हैं, और यह स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं को सनातन धर्म से चिढ़ है और वे हमेशा समाज में फूट डालने की राजनीति करते आए हैं।
सारंग ने कहा कि "बाबा बागेश्वर धाम की यात्रा समाज को जोड़ने का प्रयास है, जबकि कांग्रेस 'फूट डालो और राज करो' की नीति पर चलती रही है। जब भी सनातन धर्म का परचम लहराता है, कांग्रेस नेताओं के पेट में दर्द होता है।" उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बागेश्वर धाम सरकार की यात्रा देश में नई आध्यात्मिक जागृति और सामाजिक एकता का प्रतीक बनेगी।
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