नैनीताल , नवंबर 06 -- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष के मौके पर हल्द्वानी में आयोजित पूर्व सैनिक सम्मेलन में प्रतिभाग किया और सैनिक के कल्याण से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार सैनिकों एवं उनके परिवारों के कल्याण के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। उन्होंने सैनिक कल्याण विभाग के पुनर्गठन और सुदृढ़ीकरण की घोषणा करते हुए कहा कि विभाग की कार्य प्रणाली को और अधिक प्रभावी एवं पारदर्शी बनाया जाएगा ताकि हर सैनिक परिवार तक योजनाओं का लाभ सहज रूप से पहुँच सके।
उन्होंने कहा कि हल्द्वानी, अल्मोड़ा और पौड़ी में जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों एवं आवासीय भवनों के पुनर्निर्माण का कार्य किया जाएगा। साथ ही उन्होंने वीर नारियों को आवासीय भवन के निर्माण हेतु मिलने वाली सहायता राशि को दो लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किए जाने की घोषणा की।
उन्होंने यह भी कहा कि शहीद सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त अनुग्रह राशि को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये किया गया है। उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में सैनिकों के 150 बच्चों के लिए एक आधुनिक छात्रावास का निर्माण किया जाएगा, जिससे सैनिक परिवारों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुरक्षित आवासीय सुविधा मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिकों का जीवन अनुशासन, समर्पण और बलिदान की मिसाल है। सैनिक कभी पूर्व सैनिक नहीं होता, वह सदैव सैनिक रहता है। सम्मेलन में नैनीताल और ऊधमसिंहनगर जिले की 44 वीर नारियों को सम्मानित किया गया।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि वीरांगनाओं का सम्मान पूरे राज्य के लिए गौरव का क्षण है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड का पंचम धाम 'सैन्य धाम' का शीघ्र लोकार्पण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में छात्रावास निर्माण के लिए गन्ना सेंटर के पास 6.4 हेक्टेयर भूमि का चिन्हीकरण किया गया है और शीघ्र ही मुख्यमंत्री द्वारा इसका शिलान्यास किया जाएगा। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि प्रदेश सरकार सैनिकों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
सम्मेलन में विधायकगण बंशीधर भगत, रामसिंह कैडा, डा॰ मोहन बिष्ट, राज्यसभा सांसद महेन्द्र भट्ट, अध्यक्ष जिला पंचायत दीपा दरम्वाल, मेयर गजराज बिष्ट, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ले.कर्नल (अप्रा) रमेश सिंह, ले.कर्नल (अप्रा) बीएस रौतेला, कर्नल (अप्रा) जगत सिंह जंतवाल, कैप्टन (अप्रा) पीएस भण्डारी के साथ ही सैकड़ों की संख्या में पूर्व सैनिक और वीर नारियां उपस्थित रहीं।
सम्मेलन पूरे समय राष्ट्रप्रेम की भावना से ओत-प्रोत रहा और सभागार 'जय हिन्द' और 'उत्तराखंड मातृभूमि की जय' के नारों से गूंज उठा। सैनिक सम्मेलन रजत जयंती समारोह को एक अविस्मरणीय स्वरूप दिया।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर रामनगर में आयोजित राज्य स्तरीय जन वन महोत्सव में भी भाग लिया और जनता से प्रकृति के संरक्षण का आह्वान किया।
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