देहरादून , अक्टूबर 03 -- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को 'सीएम हेल्पलाइन' पर दर्ज शिकायतों की समीक्षा की ताे एक साथ कई पोल खुल गये। समीक्षा के दौरान यह चौंकानेवाला खुलासा भी हुआ कि शिकायतकर्ताओं के शिकायतों का समाधान नहीं हुआ।
किसी भी सरकार की सफलता में उसके अधिकारी और कर्मचारियों की सबसे बड़ी भूमिका होती है। यह सर्वविदित है। यहां यही बात तब साफ हुई जब श्री धामी ने 'सीएम हेल्पलाइन' पर दर्ज शिकायतों की समीक्षा की।
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय टिहरी की छात्रा साक्षी द्वारा विवि के स्तर से डिग्री नहीं दिए जाने की शिकायत सीएम हेल्पलाइन किए जाने के बावजूद, इस प्रकरण का निस्तारण नहीं किया गया था। उक्त प्रकरण जब मुख्यमंत्री के संज्ञान में आया तो उन्होंने इस पर सख़्त नाराज़गी व्यक्त की।
उन्होंने आईटी सचिव और उच्च शिक्षा सचिव दोनो को एक सप्ताह में इस प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के साथ ही, संबंधित अधिकारी पर सख़्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभ्यर्थी को एक सप्ताह के अंदर डिग्री उपलब्ध कराई जाए। छात्र-छात्राओं की शिकायतों के निस्तारण के लिए विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में हेल्प डेस्क बनाई जाए। सेवा के अधिकार के तहत दी जाने वाली सेवाओं को कार्यालयों के डिस्प्ले बोर्ड पर दर्ज किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज बिजली, पानी, सड़क और अन्य मूलभूत सुविधाओं से संबंधित शिकायतों का त्वरित निस्तारण तेजी से किया जाए। इसके लिए संबंधित अधिकारी कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करें कि वे किस निर्धारित दिन समस्याओं के समाधान के लिए बैठेंगे।
समीक्षा के दौरान श्री धामी ने शिकायतकर्ताओं से बात कर उनकी समस्याओं के यथाशीघ्र समाधान के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की शिकायतों और समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर किया जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को प्रत्येक सप्ताह, सचिवगणों को माह में दो बार और मुख्य सचिव को प्रत्येक माह में सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि तीन माह से अधिक लंबित प्रकरणों को अभियान चलाकर निस्तारित किया जाए।
श्री धामी ने कहा कि जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए जिलाधिकारियों को जनता मिलन कार्यक्रमों का आयोजन नियमित तौर पर करना होगा। साथ ही शिकायतों का समाधान निर्धारित समय सीमा के भीतर न करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आपदा से क्षतिग्रस्त लाइनों, सुरक्षा दीवारों का कार्य प्राथमिकता के आधार पर करने के साथ ही रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समस्या का समाधान तभी माना जाएगा, जब शिकायतकर्ता पूर्ण रूप से संतुष्ट होगा। उन्होंने प्रत्येक माह की पांच तारीख तक सभी विभागों को हेल्पलाइन 1905 पर प्राप्त शिकायतों की स्थिति रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
निदेशक, आईटीडीए, गौरव कुमार ने हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों और विभागों द्वारा समाधान के लिए की गई कार्यवाही के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में जानकारी दी गई कि उत्तराखंड पेयजल, गृह विभाग, ऊर्जा से संबंधित लोगों की अधिक शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।
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