बेंगलुरु , दिसंबर 06 -- कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने शनिवार को कहा कि धर्मस्थल में शवों को दफन करने के मामले की जांच कर रहे विशेष अन्वेषण दल (एसआईटी) को पूरी आज़ादी दे दी गयी है और सरकार की तरफ से किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा।
श्री परमेश्वर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि अब तक अदालत के समक्ष सिर्फ शुरुआती रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी हैं और मामले की जांच जारी है। उन्होंने कहा कि न तो मुख्यमंत्री ने और न ही उन्होंने जांच में हस्तक्षेप किया है।
श्री परमेश्वर ने कहा, "हमने एसआईटी को पूरी आज़ादी दी है। हमारी तरफ से कोई दख़लअंदाज़ी नहीं हो रही। जांच सही तरीके से ही होनी चाहिए।"उन्होंने कहा कि अगर किसी मामले की सही तरह से जांच नहीं होती है या पर्याप्त सूचना हासिल नहीं होती है तो अदालत के पास दख़ल देने का अधिकार है।
गृह मंत्री ने कहा, "धर्मस्थल मामले की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। एक शुरुआती रिपोर्ट का मतलब यह नहीं होता कि मामला बंद हो गया। जांच के दौरान हर प्रासंगिक जानकारी की को तसल्ली से देखा जायेगा।"श्री परमेश्वर ने कहा कि अभी न तो उनकी और न ही मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की एसआईटी अधिकारियों से बात हुई है। उन्होंने कहा, "हम एसआईटी को उसका काम स्वतंत्र रूप से और बिना दबाव के करने देने के लिये प्रतिबद्ध हैं। जनता हमेशा न्यायपूर्ण और पारदर्शी जांच चाहती है। हम यह सुनिश्चित भी करेंगे।"धर्मस्थल मामले ने कर्नाटक में लोगों और मीडिया का काफी ध्यान खींचा है। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि जांच कानून के मुताबिक की जा रही है। केस के सभी पहलुओं की जांच की जाएगी, जिसके बाद अदालत में अंतिम रिपोर्ट जमा की जायेगी।
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