देहरादून, सितम्बर 27 -- उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली और हर्षिल क्षेत्र में गत पांच अगस्त को आयी भीषण प्राकृतिक आपदा में लापता कुल 67 व्यक्तियों का शनिवार को 53 दिन बीत जाने के बाद भी कोई पता नहीं चला है। अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इनके मृत्यु पंजीकरण कर प्रमाण पत्र जारी करने के लिए स्वीकृति दे दी है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चमोली जिले के रैणी में 2021 में आई आपदा में सैकड़ों मजदूर लापता हो गए थे। उस समय भी केंद्र सरकार ने जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 के तहत मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने में छूट दी थी। अब गृह मंत्रालय की 2021 की तर्ज पर धराली आपदा में लापता लोगों का मृत्यु पंजीकरण करने की अनुमति दी है। उन्होंने बताया कि आपदा में लापता लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए सबसे पहले परिजनों को मूल निवास वाले स्थान पर लापता व्यक्ति की शिकायत दर्ज करनी होगी। इसके बाद शिकायत को घटना वाले क्षेत्र के परगना मजिस्ट्रेट या उपजिलाधिकारी के पास भेजा जाएगा। लापता व्यक्ति के बारे में 30 दिन का नोटिस जारी होगा। इसके बाद कोई आपत्ति न मिलने पर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। मृत्यु प्रमाण पत्र के बाद ही लापता व्यक्ति के परिजनों को आपदा राहत के तहत आर्थिक सहायता मिल सकेगी।
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