चेन्नई , नवंबर 10 -- तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अपना हमला लगातार जारी रखते हुए सोमवार को कहा कि ईडी और सीबीआई के बाद भाजपा अब तमिलनाडु में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का उपयोग द्रमुक को डराने के लिए राजनीतिक हथियार के रूप में कर रही है।

श्री स्टालिन ने तिरुचिरापल्ली में द्रमुक विधायक एम पलानियांडी के बेटे की शादी के बाद कहा कि यह फार्मूला तमिलनाडु में काम नहीं करेगा और भगवा पार्टी अपने प्रयास में कभी सफल नहीं होगी।

उन्होंने चुनाव आयोग के प्रति अपना विरोध भी दोहराया और आरोप लगाया कि आयोग केंद्र सरकार की कठपुतली जैसा काम कर रहा है और विधानसभा चुनाव नजदीक होने के बावजूद पर्याप्त समय दिए बिना जल्दबाजी में एसआईआर प्रक्रिया को अंजाम दे रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा एसआईआर के नाम पर द्रमुक के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि द्रमुक शुरू से ही इसका विरोध कर रही है। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा कथित वोट चोरी का खुलासा करने का भी हवाला दिया।

उन्होंने एसआईआर अभियान के खिलाफ अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी, जिसमें सभी पार्टी की बैठक बुलाना, एक प्रस्ताव अपनाना, उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करना और मंगलवार को पूरे राज्य में सभी जिला मुख्यालयों के सामने द्रमुक और उसके सहयोगियों द्वारा आयोजित होने वाला विरोध प्रदर्शन शामिल हैं।

द्रमुक कार्यकर्ताओं से कल के विरोध प्रदर्शन को सफल बनाने की अपील करते हुए श्री स्टालिन ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह द्रमुक को डराने के लिए एसआईआर का उपयोग उसी तरह कर रही है, जैसे उसने ईडी और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों का उपयोग किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु में उनके प्रयास हमेशा विफल रहेंगे। उन्होंने अपनी आशंका दोहराते हुए कहा कि एसआईआर प्रक्रिया ने राज्य के लोगों के मताधिकार को खतरे में डाल दिया है क्योंकि इसमें उन्हें मतदाता सूची से हटा दिया गया है जैसा कि बिहार, कर्नाटक और हरियाणा जैसे राज्यों में हुआ है।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित