भोपाल , अक्टूबर 7 -- मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत के बाद अब दो और कफ सिरप में खतरनाक केमिकल डायएथिलीन ग्लाइकॉल की अधिक मात्रा पाई गई है। मध्यप्रदेश फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की जांच रिपोर्ट में गुजरात निर्मित री लाइफ और रेस्पिफ्रेस टीआर सिरप मानक पर खरे नहीं उतरे हैं।
अधिकारियों के अनुसार, इन दोनों सिरप पर तत्काल रोक लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह वही जहरीला तत्व है, जो पहले कोल्ड्रिफ सिरप में भी मिला था। जांच में पाया गया कि इन सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा तय सीमा 0.1 प्रतिशत के बजाय कई गुना अधिक है, जो किडनी फेल और ब्रेन डैमेज जैसी स्थितियां पैदा कर सकता है।
प्रदेश में 26 से 28 सितंबर के बीच औषधि निरीक्षकों ने दवा दुकानों और अस्पतालों से कुल 19 दवाओं के नमूने जांच के लिए भेजे थे, जिनमें चार सिरप असुरक्षित पाए गए हैं। सरकार ने सभी औषधि निर्माताओं, निरीक्षकों, सीएमएचओ और मेडिकल कॉलेजों को एडवाइजरी जारी कर क्लोरफेनिरामाइन मलेट और फिनाइलफ्रिन एचसीएल जैसे रसायनों के उपयोग में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दोषियों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश देते हुए प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य को हटा दिया है। वहीं उपसंचालक शोभित कोष्टा, जबलपुर के ड्रग इंस्पेक्टर शरद जैन और छिंदवाड़ा के गौरव शर्मा को निलंबित कर दिया गया है।
सरकार ने जबलपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट और मंडला जिलों के औषधि निरीक्षकों को शामिल कर एक विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है, जो पूरे मामले की जवाबदेही तय करेगा।
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