उदयपुर , नवंबर 13 -- राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के अध्यक्ष प्रो पंकज अरोडा ने कहा है कि भारत को अब नौकरी खोजने वालों की नहीं, बल्कि अवसर सृजन करने वाले युवाओं की आवश्यकता है।

प्रो अरोडा गुरूवार को उदयपुर में राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय का 21वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विद्यार्थियों से तीन संकल्प अपनाने का आह्वान किया, चरित्र, जो ज्ञान से श्रेष्ठ है, नवाचार, जो भय से मुक्त होकर नए विचारों को जन्म देता है और समाज सेवा, जो हर कार्य को जनहित से जोड़ती है।

उन्होंने कहा कि सच्ची शिक्षा वही है जो व्यक्ति को सक्षम होने के साथ-साथ संवेदनशील बनाए। उन्होंने कहा कि युवाओं से उन्होंने टेक्नोलॉजी ऑफ भारत की भावना से कार्य करने का आह्वान किया, ताकि गाँवों और वंचित समुदायों तक ज्ञान और तकनीक की रोशनी पहुँच सके।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये कुलपति प्रो. एस. एस. सारंगदेवोत ने कहा कि यह भारतीय शिक्षा परंपरा का वह विशेष क्षण है जब ज्ञान संस्कार में बदलता है। उन्होंने बताया कि दीक्षांत केवल प्रमाण पत्र नहीं, बल्कि गुरु के आशीर्वाद और समाज के प्रति उत्तरदायित्व का प्रतीक है। यह समारोह विद्यार्थियों को शिष्य से नागरिक और साधक से कर्मयोगी बनने का मार्ग दिखाता है। शिक्षा का उद्देश्य केवल शिक्षा अर्जन नहीं, बल्कि अर्पण होना चाहिए।

समारोह में विशिष्ठ अतिथि भक्त कवि नरसिंह मेहता विश्वविद्यालय जुनागढ़ गुजरात के कुलपति प्रो. प्रतापसिंह चौहान, राज्यपाल सलाहकार ( उच्च शिक्षा) प्रो. कैलाश सोडाणी ने भी संबोधित किया।

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