नयी दिल्ली , अक्टूबर 12 -- देशभर के पेंशनर 13 अक्टूबर को यहां कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) मुख्यालय पर प्रदर्शन करेंगे।

ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने रविवार को यह घोषणा की।

समिति की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार सरकार ने बेंगलुरु में प्रस्तावित केन्द्रीय न्यास बोर्ड (सीबीटी) की बैठक को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया है, जिससे पेंशनरों में असंतोष और बढ़ गया है। समिति के अनुसार न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये प्रतिमाह किए जाने की मांग लंबे समय से लंबित है। इसके अलावा पेंशनरों का कहना है कि डीए (महंगाई भत्ता) का पूरा भुगतान, उच्चतम न्यायालय के के फैसले के अनुसार पेंशन वृद्धि, और उचित चिकित्सा सुविधाएँ भी सुनिश्चित की जाएँ। इस मुद्दे पर सरकार द्वारा अब तक कोई ठोस कदम न उठाए जाने से पेंशनरों में नाराज़गी बढ़ती जा रही है। पिछले एक महीने से देशभर के ईपीएफओ और जिलाधिकारी कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत ने कहा, "सरकार ने बैठक स्थल बदलकर पेंशनरों के आक्रोश से बचने की कोशिश की है, लेकिन अब पेंशनर पीछे नहीं हटेंगे। जब तक न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये, डीए का पूरा भुगतान, उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार पेंशन वृद्धि और चिकित्सा सुविधाएँ लागू नहीं होती है, विरोध जारी रहेगा।"उन्होंने बताया कि दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश से बड़ी संख्या में पेंशनर दिल्ली पहुंचेंगे और श्रम मंत्री व सीबीटी सदस्यों से अपनी मांगों पर जवाब मांगेंगे।

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