लखनऊ , नवम्बर 02 -- देव दीपावली पर काशी एक बार फिर प्रकाश, आस्था और संस्कृति के अनुपम संगम का साक्षी बनेगी। वाराणसी के मनोहर घाटों पर देव दीपावली समितियों द्वारा तथा कुण्डों और तालाबों पर स्थानीय समितियों की सहभागिता से एक साथ लाखों दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। रविवार को यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी है।
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग, राज्य सरकार एवं महोत्सव समिति, वाराणसी द्वारा 10 लाख से अधिक मिट्टी के दीपों की व्यवस्था की गई है। दीपक, तेल एवं बाती आदि का वितरण राजघाट से प्रारम्भ हो चुका है।
उन्होंने बताया कि गंगा के घाटों और उसके पार के तटों को सम्मिलित करते हुए दीपोत्सव कार्यक्रम के लिए कुल 20 सेक्टर बनाए गए हैं, जिनमें प्रत्येक के लिए नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं ताकि व्यवस्थाओं में कोई कमी न रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत शंखनाद और डमरू की गूंज से होगी, जो भगवान शिव की उपस्थिति और काशी की दिव्य ऊर्जा का प्रतीक होगी। इस अवसर पर मंच पर भगवान शिव-पार्वती विवाह दृश्य, भगवान विष्णु के चक्र पुष्करिणी कुंड की कथा, भगवान बुद्ध के धर्मोपदेश, संत कबीर और गोस्वामी तुलसीदास की भक्ति परंपरा तथा आधुनिक युग में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की गौरवगाथा जैसे प्रसंग आकर्षक दृश्यों के माध्यम से प्रस्तुत किए जाएंगे। यह सम्पूर्ण प्रस्तुति काशी की आत्मा, परम्परा और आध्यात्मिकता को एक सूत्र में पिरोते हुए यह संदेश देगी कि "कण-कण में काशी और रस-रस में बनारस बसता है।"जयवीर सिंह ने बताया कि देव दीपावली की पावन संध्या पर वाराणसी का आकाश रंग-बिरंगी रोशनी और आस्था के प्रकाश से जगमगा उठेगा। श्रद्धालु एवं पर्यटक उस मनोरम दृश्य के साक्षी बनेंगे जब 25 मिनट का 'काशी कथा' 3-डी प्रोजेक्शन मैपिंग एवं लेज़र शो आयोजित किया जाएगा। इस प्रस्तुति में काशी के प्राचीन गौरव, गंगा की महिमा और भगवान विश्वनाथ की नगरी की आस्था को आधुनिक तकनीक के माध्यम से दर्शाया जाएगा।
संयुक्त निदेशक पर्यटन दिनेश कुमार ने बताया कि कार्यक्रम में 8 मिनट का विशेष लेज़र शो भी शामिल होगा, जो दर्शकों को दिव्यता और आधुनिकता के अद्भुत संगम का अनुभव कराएगा। पर्यटकों के लिए 3-डी प्रोजेक्शन मैपिंग शो का निःशुल्क प्रदर्शन तीन बार रात्रि 8:15, 9:00 और 9:35 बजे किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका आनंद ले सकें।
इसके साथ ही श्री काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार के सामने रात्रि 8 बजे ग्रीन आतिशबाजी का दस मिनट का निःशुल्क प्रदर्शन होगा, जो पर्यावरण के अनुकूल होते हुए भी आकाश को दिव्य रंगों से भर देगा।
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