पटना , नवंबर 08 -- बिहार में झंझारपुर संसदीय सीट से पांच बार के सांसद रहे देवेन्द्र प्रसाद यादव ने भारतरत्न कर्पूरी ठाकुर के लिये मधुबनी जिले की फुलपरास विधानसभा की सीट छोड़ दी थी।

झंझारपुर संसदीय सीट से सर्वाधिक पांच बार जीतने का कीर्तिमान पूर्व केन्द्रीय मंत्री देवेन्द्र प्रसाद यादव के नाम दर्ज हैं। आपातकाल के खिलाफ देवेंद्र प्रसाद यादव ने अपनी सियासी पारी का आगाज लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जे.पी.आंदोलन से किया था। वर्ष 1977 में बिहार विधानसभा चुनाव में मधुबनी जिले की फुलपरास सीट पर हुये चुनाव में देवेन्द्र प्रसाद यादव जनता पार्टी के टिकट पर निर्वाचित हुये। इसी वर्ष कर्पूरी ठाकुर ने भारतीय लोक दल (बीएलडी) के टिकट पर समस्तीपुर संसदीय सीट से जीत हासिल की थी।

बिहार में कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी थी। कर्पूरी ठाकुर उस समय न ही विधानसभा और न विधान परिषद के सदस्य थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद कर्पूरी ठाकुर को छह महीने के अंदर विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना अनिवार्य था। कर्पूरी ठाकुर को उस समय जनता पार्टी के कई बड़े नेताओं ने विधान परिषद के सदस्य के तौर पर मुख्यमंत्री बने रहने का फॉर्मूला सुझाया था, लेकिन कर्पूरी ठाकुर ने विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया। तुरंत हुए चुनाव में सभी सीटें भरी हुई थीं। विधान परिषद की सीटें भी खाली नहीं थीं। देवेंद्र प्रसाद यादव पहली बार विधायक बने थे। उन्होंने अपनी जीती सीट फुलपरास, कर्पूरी ठाकुर के लिए छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने तत्काल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।देवेंद्र यादव के फुलपरास सीट छोड़े जाने के बाद उपचुनाव हुये। उपचुनाव में जनता पार्टी उम्मीदवार कर्पूरी ठाकुर ने कांग्रेस के राम जयपाल सिंह यादव को पराजित किया और विधायक बन गये। साल भर बाद वर्ष 1978 में देवेन्द्र प्रसाद यादव को बिहार विधान परिषद का सदस्य नियुक्त किया गया।

मधुबनी जिले की फुलपरास सीट पर 11 नवंबर को मतदान होगा।

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