अंबिकापुर , अक्टूबर 07 -- छत्तीसगढ़ के अंबिककापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में पहाड़ी कोरवा समुदाय के एक युवक की मौत को लेकर परिजनों ने मंगलवार को जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
पीड़ित परिवार ने मृतक का शव पुलिस सहायता केंद्र के सामने रखकर अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों के अनुसार सड़क दुर्घटना में घायल पहाड़ी कोरवा युवक को रायपुर रेफर किए जाने के 26 घंटे बाद एम्बुलेंस उपलब्ध कराई गई। देरी के कारण मरीज को समय पर उपचार नहीं मिल सका और रायपुर ले जाने के दौरान रास्ते में ही उनकी मौत हो गयी।
पीड़ित के भाई जुएल कोरवा ने बताया,"हमने समय पर एम्बुलेंस की माँग की थी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। यह लापरवाही मेरे भाई की मौत का कारण बनी।" इस मामले में कांग्रेस पार्टी ने भी पीड़ित परिवार के समर्थन में आवाज उठाई।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय शर्मा ने कहा,"यह घटना स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती है। आदिवासी समुदाय के साथ यह भेदभावपूर्ण व्यवहार अस्वीकार्य है।"टीम संजयवार्तावहीं प्रदर्शनकारियों ने मुआवजे की तत्काल व्यवस्था और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की माँग की। उन्होंने चेतावनी भी दी कि यदि उनकी माँगें नहीं मानी गईं, तो वे आंदोलन और तेज कर देंगे।
बस्तर राइजिंग अभियान : अक्टूबर से होगा प्रारंभ:बस्तर क प्रतिभा, संस्कृति और संभावनाओं को मिलेगाछत्तीसगढ़ शासन के जनसंपर्क विभाग और बस्तर संभाग के सभी जिलों के जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से "बस्तर राइजिंग" नामक विशेष अभियान आठ अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है। दो सप्ताह तक चलने वाला यह अभियान बस्तर संभाग के सातों जिलों में आयोजित किया जाएगा।
इस अभियान का उद्देश्य बस्तर की सांस्कृतिक, पर्यावरणीय और उद्यमशील क्षमताओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करना है। अभियान के दौरान विशेषज्ञों, युवाओं, शिल्पकारों और स्थानीय समुदायों के बीच संवाद, कार्यशालाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन किए जाएंगे।
'बस्तर राइजिंग' का कारवां केशकाल, नारायणपुर, कोण्डागांव, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, चित्रकोट, बारसूर और जगदलपुर का भ्रमण करेगा। इस दौरान बस्तर की कला, हस्तशिल्प, कृषि, पर्यटन, खेल और शिक्षा से जुड़ी संभावनाओं पर विशेष फोकस किया जाएगा।
अभियान का समापन रायपुर में 'हार्मोनी फेस्ट 2025 के रूप में होगा, जिसमें बस्तर की प्रेरक कहानियाँ, नवाचार और सांस्कृतिक विरासत प्रदर्शित की जाएंगी। यह आयोजन 'दिल मेला - दिल में ला' थीम पर आधारित होगा।
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