भोपाल , अक्टूबर 03 -- मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में इस वर्ष नवरात्रि पर एक अनोखी पहल की गई है। पहली बार दुर्गा प्रतिमाओं पर चढ़े नींबू से बायो-एंजाइम बनाया जा रहा है। नवरात्रि में 2 टन से अधिक नींबू एकत्रित किए गए हैं, जिनसे करीब 10 हजार लीटर बायो-एंजाइम स्प्रे तैयार किया जाएगा। इसमें संतरे के छिलके और सड़ा हुआ गुड़ भी मिलाया जाएगा। तैयार होने के बाद इस घोल को तालाबों और कुंडों में डाला जाएगा ताकि पानी को स्वच्छ किया जा सके।
नगर निगम भोपाल के अनुसार गणेश उत्सव में भी इस प्रयोग की शुरुआत हुई थी, लेकिन उतनी मात्रा में नींबू नहीं मिल पाए थे। नवरात्रि के नौ दिनों में करीब 5 हजार पंडालों से निगम की गाड़ियां निर्माल्य सामग्री एकत्रित करती रहीं। केवल अंतिम तीन दिनों में ही आठ टन से अधिक नींबू जमा हुए। इसके बाद छंटाई कर मशीन से रस निकालने और केन में भरने की प्रक्रिया शुरू की गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के वैज्ञानिकों की देखरेख में चल रही इस पहल के तहत बताया गया है कि प्रदूषण से पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है, जिससे जलीय जीव-जंतु प्रभावित होते हैं। बायो-एंजाइम प्राकृतिक तरीके से पानी को शुद्ध करता है। यह नींबू, संतरे के छिलकों, सड़े गुड़ और पानी के मिश्रण से बनता है और 10 से 15 दिन में तैयार हो जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार यह बायो-एंजाइम एक प्राकृतिक, गैर-विषैला और पर्यावरण अनुकूल क्लीनर है। इसका उपयोग जल शुद्धिकरण के साथ-साथ कपड़े, बर्तन और हाथ धोने के लिए भी किया जा सकता है।
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