दुर्गापुर , अक्टूबर 15 -- पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर के मेडिकल कॉलेज की छात्रा के बलात्कार के मामले में गिरफ्तार मेडिकल छात्र वसीफ अली को जिला अदालत ने सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के मालदा जिले का निवासी वसीफ अली बलात्कार पीड़िता का सहपाठी भी है। पीड़िता से लंबी पूछताछ और बंद कमरे में मजिस्ट्रेटी बयान के बाद मंगलवार शाम उसे गिरफ्तार कर लिया गया। दुर्गापुर बार एसोसिएशन द्वारा इस मामले में किसी भी आरोपी का बचाव न करने का निर्णय लेने के बाद, एक फ्री-लीगल सेल वकील आरोपी की ओर से पेश हुआ।

दुर्गापुर मोहोकुमा अदालत ने सुनवाई के बाद वासिफ अली को सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया और अगली सुनवाई 22 अक्टूबर को होगी। अन्य पाँच आरोपी, जो पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं और उसी अदालत के आदेश पर पुलिस हिरासत में हैं, उन्हें भी 22 अक्टूबर को पेश किया जाएगा।

पुलिस द्वारा निजी मेडिकल कॉलेज के पास के जंगल में अपराध स्थल का पुनर्निर्माण और पीड़िता के बंद कमरे में मजिस्ट्रेटी बयान के बाद अली को गिरफ्तार किया गया।

दुर्गापुर-आसनसोल के पुलिस आयुक्त सुनील चौधरी ने बताया कि शनिवार से अब तक छह संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है। श्री चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, "वह (वासिफ अली) हमारी जाँच से परे नहीं है और इस मामले में उसके कपड़ों की भी जाँच की जाएगी। जाँच में उसके खिलाफ सबूत इकट्ठा होने पर हम उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।"पुलिस उपायुक्त (आसनसोल-दुर्गापुर उत्तर) अभिषेक गुप्ता ने वासिफ अली, एसके नसीरुद्दीन और एसके रियाजुद्दीन के साथ अपराध स्थल के 'रिक्रियशन' का नेतृत्व किया, जहाँ एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा को ले जाया गया था जहां ये वारदात हुई थी। इससे पहले, पुलिस ने बिजरा गाँव स्थित उनके घरों से नसीरुद्दीन और रियाज़ुद्दीन के कपड़े ज़ब्त किए थे।

वासिफ अली को तब गिरफ़्तार किया गया जब पीड़िता ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने बंद कमरे में दिए गए बयान में कबूल किया कि शुक्रवार रात लगभग 9 बजे जब वह उसके साथ परिसर से बाहर निकली थी, तो उसने उसके साथ छेड़छाड़ की थी। सूत्रों ने बताया कि पीड़िता का अस्पताल के केबिन में, जहाँ उसका इलाज चल रहा था, बंद कमरे में बयान दर्ज करने के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। बयान दो घंटे से ज़्यादा समय तक चला।

आसनसोल दुर्गापुर के पुलिस आयुक्त ने कहा कि पीड़िता के बयान और अन्य तकनीकी सबूतों के आधार पर, "केवल एक व्यक्ति ने यौन उत्पीड़न किया था" और मौके पर मौजूद अन्य चार लोगों की विशिष्ट भूमिकाओं की "जांच की जा रही है"।

इस बीच, पीड़िता के पिता ने घटना की सीबीआई जाँच की माँग की और राज्य पुलिस की जाँच पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने दावा किया कि उनकी बेटी के खिलाफ अपराध पूर्व नियोजित था।

पीड़िता के पिता ने कहा, "मैं दीदी (मुख्यमंत्री ममता बनर्जी) से सीबीआई जाँच की माँग करता हूँ और हमें विश्वास है कि और भी चीज़ें स्पष्ट रूप से सामने आएँगी।" उन्होंने आगे कहा कि अभी तक उन्हें अपनी बेटी के साथ हुए अपराध की जाँच रिपोर्ट नहीं मिली है।

श्री चौधरी ने दावा किया कि पुलिस हमेशा माता-पिता के साथ रही है और अगर वे माँगेंगे तो राज्य पुलिस उन्हें चौबीसों घंटे सुरक्षा प्रदान करेगी। मेडिकल, कानूनी रिपोर्ट, फ़ोरेंसिक (रक्त के नमूने और डीएनए), और तकनीकी रिपोर्ट अभी भी नहीं मिल पाये हैं।

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