बीजापुर , अक्टूबर 27 -- छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित दुर्गम ग्राम कांडलापर्ती-2 में एक नए सुरक्षा एवं जन-सुविधा कैंप की स्थापना ने क्षेत्र में सुरक्षा बहाली और विकासात्मक पहुंच को मजबूत करने की एक नई पहल का संकेत दिया है। यह कैंप छत्तीसगढ़ शासन की 'नियद नेल्ला नार' योजना के तहत 25 अक्टूबर को स्थापित किया गया है।

इस कैंप का उद्देश्य न केवल अंतर-राज्यीय नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाना है, बल्कि स्थानीय नागरिकों को स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पेयजल और मोबाइल कनेक्टिविटी जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना भी है।

बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने कहा, "यह पहल सुरक्षा और विकास के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है। यह कैंप स्थानीय आबादी के लिए विश्वास का प्रतीक बनेगा और दुर्गम इलाकों में विकास के दरवाजे खोलेगा।" विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद सुरक्षा बलों ने इस कैंप की स्थापना को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

यह कदम एक बड़े रणनीतिक प्रयास का हिस्सा है। आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2024 से अब तक बीजापुर जिले में कुल 20 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 599 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। इस अवधि में 196 माओवादी मुठभेड़ों में मारे गए और 982 को गिरफ्तार किया गया।

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