होशियारपुर , दिसंबर 23 -- अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद (एएचपी) के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने मंगलवार को आरोप लगाया कि दुनिया के कई हिस्सों में हिंदुओं और सिखों को उनके धार्मिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है और उन्होंने दोनों समुदायों से ऐसी घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया।
यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, श्री तोगड़िया ने न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में हुई एक घटना का जिक्र किया और दावा किया कि स्थानीय निवासियों द्वारा सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने के बाद एक सिख नगर कीर्तन (धार्मिक जुलूस) को कथित तौर पर रोक दिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि जहां क्रिसमस और ईद जैसे त्योहारों को विश्व स्तर पर मनाने की अनुमति है, वहीं हिंदुओं और सिखों को अक्सर धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने से रोका जाता है।
श्री तोगड़िया ने कहा कि विश्वभर के हिंदुओं और सिखों को धार्मिक स्वतंत्रता के हनन के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और ऑकलैंड में नगर कीर्तन का पुनः आयोजन करने की मांग की। उन्होंने केंद्र सरकार से न्यूजीलैंड में सिखों के धार्मिक अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए राजनयिक दबाव डालने का भी आग्रह किया।
मानवाधिकार संबंधी चर्चा पर सवाल उठाते हुए श्री तोगड़िया ने कहा कि भारत में मानवाधिकारों की बात करने वालों को विदेशों में हिंदुओं और सिखों के धार्मिक अधिकारों के कथित उल्लंघन के मुद्दों को भी संबोधित करना चाहिए।
पंजाब में गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों के शहादत सप्ताह के चल रहे आयोजन का जिक्र करते हुए तोगड़िया ने कहा कि करोड़ों हिंदू उनके बलिदान को श्रद्धापूर्वक नमन करते हैं। उन्होंने कहा कि सरहिंद में हुई शहादत आस्था की अटूट रक्षा का प्रतीक है और उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी समुदाय को फिर कभी ऐसे बलिदान देने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
राम मंदिर आंदोलन से लंबे समय से जुड़े होने का दावा करते हुए, तोगड़िया ने कहा कि उन्होंने चार दशकों से अधिक समय तक इस संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद, राष्ट्रीय बजरंग दल और उसके महिला एवं युवा विंग सहित संबद्ध संगठनों के साथ, गांवों में जमीनी स्तर पर मजबूत उपस्थिति रखती है।
श्री तोगड़िया ने प्रयागराज में हाल ही में हुए कुंभ सम्मेलन के दौरान अपने संगठन की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और दावा किया कि एएचपी ने लगभग डेढ़ महीने तक चौबीसों घंटे चलने वाली सामुदायिक रसोई का आयोजन किया, जिसमें एक करोड़ से अधिक लोगों को भोजन कराया गया। उन्होंने दावा किया कि तीर्थयात्रियों के लिए गर्म तंबू, मोबाइल चार्जिंग सुविधा और कंबल सहित व्यापक व्यवस्थाएं की गई थीं। उन्होंने बताया कि संगठन गांवों और शहरों में हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा के सामूहिक पाठ को बढ़ावा दे रहा है और दावा किया कि देशभर में 30,000 से अधिक हनुमान चालीसा केंद्र स्थापित किये जा चुके हैं, जिनका लक्ष्य एक लाख केंद्र स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि पंजाब में लगभग 400-500 ऐसे केंद्र कार्यरत हैं।
श्री तोगड़िया ने दावा किया कि ये केंद्र हिंदू हेल्पलाइन केंद्रों के रूप में भी काम करते हैं, जो देश भर के लोगों को सहायता प्रदान करते हैं, और सहायता के लिए एक हेल्पलाइन नंबर - 02066803300 - साझा किया। हिंदू और सिख आबादी में हो रही गिरावट पर चिंता जताते हुए तोगड़िया ने कहा कि जनसांख्यिकीय असंतुलन इन दोनों समुदायों के सामने सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। उन्होंने दावा किया कि भारत में हिंदू और सिख आबादी लगातार घट रही है, जो एक गंभीर सामाजिक और राष्ट्रीय चिंता का विषय है।
श्री तोगड़िया ने सरकार से देश में जनसांख्यिकीय संतुलन बनाए रखने के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग की। उन्होंने भारत में बंगलादेश से आए बड़ी संख्या में अवैध प्रवासियों की मौजूदगी का भी आरोप लगाया और उनकी पहचान और निर्वासन की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं और उन्होंने भारतीय सरकार से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने का आग्रह किया। तोगड़िया ने वहां अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए मजबूत राजनयिक और आर्थिक उपायों की मांग की।
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