लखनऊ , अक्टूबर 21 -- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने दीपावली पर्व पर समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान की भर्त्सना करते हुये कहा है कि हिन्दू परंपरा का अपमान करने का उन्हे कोई अधिकार नहीं है। सपा प्रमुख के सुझाव कि भारत को शहरों में क्रिसमस मनाने के तरीके से "सीखना" चाहिए इसकी भाजपा और विहिप ने तीखी आलोचना की है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अवनीश त्यागी ने कहा, " अखिलेश यादव का दिये जलाने को लेकर दिया गया बयान डीएमके के 'सनातन धर्म के उन्मूलन' वाले रुख और राहुल गांधी की हिंदू धर्म पर टिप्पणी से प्रभावित है। ये वही लोग हैं जो पहले राम मंदिर के खिलाफ थे और अब दिवाली मनाने के भी खिलाफ हैं।"उन्होंने कहा , " राम मंदिर आंदोलन का विरोध करने, अयोध्या को वर्षों तक अंधेरे में रखने और राम भक्तों पर हमला करने में गर्व महसूस करने वाली पार्टी अब दीपोत्सव के लिए शहर की सजावट का विरोध कर रही है।"त्यागी ने कहा, " जब उन्होंने (अखिलेश) सैफई में उत्सव मनाया, जिससे आम लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ, तो उन्हें गर्व महसूस हुआ, लेकिन अयोध्या में, जहाँ हज़ारों छोटे विक्रेता अपनी आजीविका कमा रहे हैं, कुछ लोग असंतोष व्यक्त कर रहे हैं।"उन्होने कहा, " दिवाली हमारे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों का प्रतीक है। यह केवल रोशनी का त्योहार नहीं है, बल्कि यह अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश देता है। दीये और मोमबत्तियाँ हमारी परंपरा का हिस्सा हैं, जो हर घर की भावना और भक्ति का प्रतीक हैं। इन्हें 'पैसे की बर्बादी' कहना न केवल अनुचित है, बल्कि हिंदू आस्था का अपमान भी है। त्योहारों की तुलना करने के बजाय, अखिलेश यादव को भारत की विविध परंपराओं का सम्मान करना चाहिए - यही सच्ची धर्मनिरपेक्षता है।"विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने भी अखिलेश की टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा , " ज़रा सुनिए, उत्तर प्रदेश के यह पूर्व मुख्यमंत्री दिवाली के मौके पर क्रिसमस की तारीफ़ कर रहे हैं। दीयों की कतारों ने उनका दिल इतना जला दिया है कि वे एक अरब हिंदुओं को उपदेश दे रहे हैं कि 'दीयों और मोमबत्तियों पर पैसा बर्बाद मत करो, क्रिसमस से सीखो। जब ईसाई धर्म का अस्तित्व भी नहीं था, तब से ही दिवाली रीति-रिवाजों और परंपराओं के साथ मनाई जाती रही है। अब हिंदू समाज को ईसाइयों से सीखने की शिक्षा दी जा रही है! भगवान राम और भगवान कृष्ण की पावन धरती पर, ऐसे नेताओं के संरक्षण में अवैध धर्मांतरण फल-फूल रहा है, जिन्होंने अपने मंत्रिमंडल में अपराधियों और अतिवादियों को भर रखा है।"गौरतलब है कि विश्व स्तर पर त्योहारों के मनाए जाने के बारे में बोलते हुए, यादव ने कहा था कि, " मैं कोई सुझाव नहीं देना चाहता। लेकिन मैं भगवान राम के नाम पर एक सुझाव ज़रूर दूँगा। दुनिया भर में, क्रिसमस के दौरान सभी शहर जगमगा उठते हैं, और यह महीनों तक चलता रहता है। हमें उनसे सीखना चाहिए। हमें दीयों और मोमबत्तियों पर पैसा क्यों खर्च करना पड़ता है और इसके लिए इतना सोचना क्यों पड़ता है।"योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था " हम इस सरकार से क्या उम्मीद कर सकते हैं; इसे हटा देना चाहिए। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि और भी खूबसूरत रोशनियाँ हों।" सपा नेता ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की थी जब अयोध्या में दीपोत्सव की परंपरा का पालन किया जा रहा है, जहाँ दिवाली मनाने का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए 26 लाख से ज़्यादा दीये जलाए गए।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित