चेन्नई , दिसंबर 27 -- द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के वरिष्ठ नेता एवं तमिलनाडु हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) मंत्री पीके सेकरबाबू ने शनिवार को कहा कि तिरुपरनकुंड्रम में दीपम विवाद के ज़रिए सांप्रदायिक नफ़रत भड़काने और लोगों को बांटने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कोशिश पूरी तरह नाकाम हो गयी है और यह साफ़ हो गया है कि मंदिर के मुख्य देवता भगवान मुरुगन भी उनके साथ नहीं हैं।
श्री सेकरबाबू कहा, "मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व में लोगों के बीच फूट डालने की कोई भी कोशिश कामयाब नहीं होगी।" गौरतलब है कि तिरुपरनकुंड्रम भगवान मुरुगा के छह निवासों में से एक है। उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि दीपम मुद्दे का इस्तेमाल करके सांप्रदायिक फूट डालने की भाजपा की योजना पूरी तरह नाकाम हो गई क्योंकि भगवान मुरुगन उनका साथ नहीं दिया।
इस महीने की शुरुआत में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठनों ने मांग की थी कि तिरुपरनकुंड्रम पहाड़ी के ऊपर एक दरगाह के पास विवादित पत्थर के खंभे पर दीपम जलाया जाए। पहाड़ी के नीचे प्रसिद्ध मुरुगन मंदिर है। मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के एकल न्यायाधीश के आदेश के साथ उन्होंने खंभे पर दीपम जलाने के लिए पहाड़ी की चोटी पर जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बताते हुए इसकी इजाजत नहीं दी।
उन्होंने कहा कि जैसे ही मंदिर अधिकारियों ने उचिप्पिल्लैयार मंदिर के पास पहाड़ी पर स्थित पारंपरिक जगह पर दीया जलाया, अधिकारियों को अदालत में अवमानना की कार्यवाही का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय में एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अपील की थी क्योंकि यह खंडपीठ के पिछले आदेशों के खिलाफ था।
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