कोरबा, अक्टूबर 15 -- त्तीसगढ़ के कोरबा में एसईसीएल की दीपका खदान के विस्तार को लेकर आज सुबह हालात अचानक गरमा गए। प्रशासनिक अमले और बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ खदान प्रबंधन की टीम हरदी बाजार पहुंची और सरकारी भवनों की नापजोख का कार्य शुरू कर दिया। बिना पूर्व सूचना के की गई इस कार्रवाई से इलाके में तनाव का माहौल बन गया। ग्रामीणों ने इसे जबरन सर्वे बताते हुए जमकर विरोध किया।

जानकारी के अनुसार, सर्वे टीम जब आंगनबाड़ी केंद्र पहुंची, तब वहां बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। बच्चों को कक्षा से बाहर निकालकर भवन की माप शुरू कर दी गई। इस घटना से ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन और कंपनी मिलकर बिना सहमति के जबरन भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आगे बढ़ा रहे हैं।

एसईसीएल प्रबंधन ने सर्वे की शुरुआत आंगनबाड़ी, अस्पताल और शासकीय आवासों की नापजोख से की। सुबह करीब 10 बजे से यह कार्रवाई भारी पुलिस सुरक्षा में जारी रही। ग्रामीणों का कहना है कि यह कदम पूरी तरह एकतरफा और दबाव बनाने वाला है।

विरोध कर रहे ग्रामीणों ने सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन प्रशासन को सौंपा है। उन्होंने कहा कि जब तक विस्थापितों को नौकरी, मुआवजा और पुनर्वास की लिखित गारंटी नहीं मिलती, तब तक किसी भी सर्वे कार्य को आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा।

ग्रामीण आंदोलन को समर्थन देते हुए हरदी बाजार के व्यापारियों ने भी अपनी दुकानें बंद रखीं। व्यापारियों ने कहा कि उचित मुआवजा और रोजगार की गारंटी के बिना जमीन देना संभव नहीं है। पूरे इलाके में विरोध के चलते बाजार बंद रहा।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि सर्वे और नापजोख का कार्य जबरन जारी रखा गया, तो वे खदान बंद कराने के लिए आंदोलन को और तेज करेंगे। उन्होंने प्रशासन से इस कार्रवाई को तत्काल रोकने की मांग की है।

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