नयी दिल्ली , नवंबर 05 -- किसी कंपनी या इकाई में दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू होने के बाद अब इस प्रक्रिया के लिए नियुक्त इनसॉल्वेंसी प्रोफेशनल (आईपी) ऐसी इकाई की कुर्क संपत्ति मुक्त करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष आवेदन कर सकेगा।
भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने मंगलवार को एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि दिवाला समाधान कानून के अंतर्गत कुछ मामलों में देखा गया है कि धन शोधन रोकथाम कानून के तहत ईडी द्वारा कर्ज लेने वाली कंपनी की कुर्क संपत्ति मुक्त नहीं हो पाती है। हालांकि संपत्ति मुक्त करने से कंपनी का मूल्य बढ़ जायेगा और उसकी बिक्री के बदले ज्यादा वसूली हो सकेगी।
बोर्ड ने कहा है कि ऐसे मामलों में आईपी एक अंडरटेकिंग देकर ईडी से कुर्क संपत्ति को मुक्त करने के लिए विशेष अदालत के समक्ष आवेदन कर सकता है। ऐसे आवेदनों के जल्द निपटान के लिए ईडी के साथ विचार-विमर्श के बाद मानक अंडरटेकिंग का प्रारूप तैयार किया गया है।
जारी प्रारूप के अनुसार, आईपी को अदालत के समक्ष यह लिखित आश्वासन देने होगा कि विमुक्त संपत्ति को दिवाला समाधान कानून के सेक्शन 32ए(2)(i) या (ii) के तहत उल्लिखित व्यक्ति को न तो बेचा जायेगा, न को हस्तांतरित किया जायेगा, न ही किसी अन्य तरीके से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उसे दिया जायेगा।
यह भी आश्वासन देना होगा कि इस संपत्ति का इस्तेमाल मामले में आरोपी किसी भी व्यक्ति के लाभ के लिए नहीं किया जायेगा।
आईपी को अदालत को हर तीन महीने पर संपत्ति की स्थिति, उसके इस्तेमाल या मौद्रीकरण, उससे लाभान्वित होने वाले व्यक्तियों और उसकी बिक्री या हस्तांतरण की जानकारी देनी होगी।
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