, Nov. 22 -- नयी दिल्ली, 22 नवंबर (वार्ताI) दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने नकली ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के ज़रिए देश भर में पीड़ितों से 10 करोड़ रुपये से ज़्यादा की ठगी करने वाले एक अंतरराज्यीय इन्वेस्टमेंट फ्रॉड गिरोह का भंडाफोड़ करके इसके चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई एक इलेक्ट्रॉनिक तरीके से दर्ज प्राथमिकी आधार पर की गई है। इसे गत 14 जून को शहर के एक निवासी ने एक धोखाधड़ी कर वाले वेबसाइट फिक्सप्रोवीआईपी डॉट कॉम पर 49.35 लाख रुपये गंवाने की रिपोर्ट के बाद दर्ज किया गया था।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) आदित्य गौतम ने कहा, "पीड़ित से सबसे पहले फेसबुक मैसेंजर के ज़रिए 'क' बनकर एक महिला ने संपर्क किया, जिसने बाद में बातचीत को व्हाट्सएप पर शिफ्ट कर दिया और उसे एक असली लगने वाले ट्रेडिंग पोर्टल के ज़रिए इन्वेस्ट करने के लिए मना लिया।" डिजिटल सर्विलांस और फाइनेंशियल ट्रेल एनालिसिस के बाद, साइबर सेल के अधिकारियों को गुरुवार को अतुल कुमार (34), वर्षा शर्मा (35), अजय शर्मा (28), और आर (54) मिले। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने बहुत होशियारी से जाल बुना था और वे ठगे गए पैसे को "म्यूल" बैंक अकाउंट पर निर्भर थे। ये अकाउंट पैसे की तंगी से जूझ रहे लोगों के नाम पर खोले गए थे।
उन्होंने बताया कि इस सिंडिकेट का एक बड़ा अकाउंट प्रोवाइडर अजय ने कई फ्रॉड बैंक खातों को प्रबंध किया और उनके ब्यौरे सहयोगियों को सौंप दिए। अतुल और वर्षा ने कथित तौर पर म्यूल अकाउंट ऑपरेट किए, जिनमें ठगी के पैसे के 3.69 लाख रुपये आए, जबकि आर को कथित तौर पर उसके अकाउंट में 300,008 रुपये मिले।"उन्होंने कहा कि कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और दूसरे राज्यों में 67 से ज़्यादा साइबर क्राइम शिकायतों में इन बैंक अकाउंट्स का नाम सामने आया है। इनमें से कई मामले 'डिजिटल अरेस्ट' स्कैम से भी जुड़े हैं। पुलिस की जांच चल रही है।
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