नयी दिल्ली , नवंबर 25 -- राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सूत्रों ने खुलासा किया है कि दिल्ली के लाल किला विस्फोट मामले के संदिग्धों से पूछताछ में आरोपी समूह के भीतर आंतरिक विवादों का पता चला है।

एनआईए सूत्रों ने बताया कि 10 नवंबर को लाल किले के बाहर आई20 कार में विस्फोट करने वाला आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर नबी, आईएसआईएस "दाएश" मॉड्यूल का अनुसरण करता था, जबकि उसके बाकी साथी अल-कायदा मॉड्यूल का अनुसरण करते थे। इस वजह से उनके बीच अक्सर झगड़े होते थे। गत अक्टूबर में, उमर अंदरूनी विवादों को सुलझाने के लिए काजीगुंड गया था, लेकिन उसके कुछ साथियों की गिरफ्तारी के बाद वह दिल्ली लौट आया। पूछताछ में पता चला कि उमर ने 2016 में बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर घाटी में हुए विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया था और इसका बदला लेना चाहता था। कहा जाता है कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद वह बहुत अधिक आक्रोशित था।

उन्होंने बताया कि उमर 2023 से विस्फोटक (आईईडी) उपकरणों पर शोध कर रहा था और डॉ. अदील तथा डॉ. मुज़म्मिल को मार्गदर्शन देता था। वह जैश की सभाओं से भारत विरोधी भाषण सुनता था। यह भी पता चला कि उमर ने पिछले साल चीनी भाषा सीखी थी और चीनी भाषा में संवाद करने के लिए एक अलग समूह बनाया था।

एनआईए ने लाल किला विस्फोट मामले के संबंध में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है। शुरुआत में दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज किए गए इस मामले को बाद में गृह मंत्रालय द्वारा एनआईए को सौंप दिया गया था।

एनआईए ने पुष्टि की है कि दिल्ली विस्फोट में आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर नबी द्वारा एक वाहन-जनित तात्कालिक विस्फोटक उपकरण (विबीआईईडी) का इस्तेमाल किया गया था। वह आई20 कार चला रहा था जिसे विबीआईईडी के रूप में इस्तेमाल किया गया था और यह लाल किले के पास फट गई थी, जिसमें 15 लोग मारे गए और 30 से अधिक घायल हुए थे।

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने अलग से दो प्राथमिकी दर्ज की हैं और अल फलाह विश्वविद्यालय के अध्यक्ष जावेद अहमद सिद्दीकी को दो समन जारी किए हैं।

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