नयी दिल्ली , दिसंबर 17 -- दिल्ली सरकार बिगड़ती वायु गुणवत्ता से निपटने के लिए गुरुवार से 'नो पीयूसी, नो फ्यूल' (प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं तो ईंधन नहीं) नीति को सख्ती से लागू करेगी और इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में बाहरी राज्यों के उन वाहनों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी जाएगी जो उत्सर्जन संबंधी बीएस-6 मानकों के अनुरूप नहीं हैं।

पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों और यातायात पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों सहित अन्य लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता के चुनौतीपूर्ण पूर्वानुमान को देखते हुए सरकार कई स्तरों पर कार्रवाई तेज कर रही है।

श्री सिरसा ने कहा कि सरकार प्रदूषण के खिलाफ वाहन, धूल, औद्योगिक और ठोस कचरे जैसे चार मुख्य मोर्चों पर लड़ रही है। पिछले साल के आंकड़ों के आधार पर अगले सप्ताह का पूर्वानुमान, एक मुश्किल भरे वायु गुणवत्ता स्तर की ओर इशारा करता है, लेकिन सरकार नागरिकों को स्वच्छ हवा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।

पर्यावरण मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वैध प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाण पत्र के बिना किसी भी वाहन को ईंधन न दिया जाए। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरों, पेट्रोल पंपों पर वॉयस अलर्ट और पुलिस तैनाती का सहारा लिया जाएगा। ईंधन डीलरों को इस निर्देश का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है।

बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सीमा बिंदुओं सहित 126 चौकियों पर 580 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे, जिन्हें 37 प्रखर वैन का सहयोग मिलेगा। परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीमें भी पेट्रोल पंपों और सीमा चौकियों पर तैनात रहेंगी।

श्री सिरसा ने जोर दिया कि प्रवर्तन कार्य सुचारू और विनम्रता के साथ किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य असुविधा पैदा करना नहीं बल्कि दिल्ली की हवा को सांस लेने योग्य बनाना है।

उन्होंने कहा कि गुरुवार से दिल्ली के बाहर पंजीकृत गैर-बीएस छह वाहनों को सीमा से ही वापस भेज दिया जाएगा। सरकार यातायात जाम और वाहनों के उत्सर्जन को कम करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप पर भी विचार कर रही है।

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