बेंगलुरु , दिसंबर 04 -- राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली विस्फोट मामले की अपनी जांच और तेज कर दी है तथा बेंगलुरू जेल का दोबारा किया है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि वहां जेल में बंद एक संदिग्ध आतंकवादी ने हमले से पहले गैर-कानूनी मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया होगा। इसके मद्देनजर एजेंसी बेंगलुरु की परप्पना अग्रहारा सेंट्रल जेल में दोबारा जांच के लिए गई।
एनआईए का बेंगलुरु जेल का दूसरा दौरा ऐसे समय हुआ है जब हाल ही में एक वायरल वीडियो को लेकर चिंता बढ़ गई है, जिसमें आतंक के आरोपी जुहाद हामिद शकील मन्ना और कई गुंडे जेल के अंदर खुलेआम मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते और गैर-कानूनी सुविधाओं का फायदा उठाते दिख रहे हैं। इससे सुरक्षा में चूक और अंदरूनी मिलीभगत पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
एनआईए टीम ने इससे पहले मंगलवार को जेल के अंदर विस्तार से जांच की और लश्कर-ए-तैयबा के संदिग्ध मन्ना से पूछताछ की।
बताया जा रहा है कि अधिकारियों को ऐसे दस्तावजे और डिजिटल ट्रेल्स मिले हैं जिनसे पता चलता है कि जेल के अंदर गैर-कानूनी तरीके से एक्सेस किए गए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते समय उसने क्या बातचीत की थी।
जांचकर्ता कॉल रिकॉर्ड, कम्युनिकेशन लॉग और उन संभावित हैंडलर्स की पहचान की भी जांच कर रहे हैं जो उसके संपर्क में हो सकते हैं। एजेंसी ने मन्ना से खासतौर पर इस बारे में पूछताछ की कि क्या दिल्ली ब्लास्ट से उसका कोई सीधा या परोक्ष लिंक था, जिसमें जेल के अंदर से समन्वय या सुविधाएं शामिल है।
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