नयी दिल्ली, सितंबर 25 -- दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि कोविड-19 महामारी के दौरान उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के मामले में संपत्तियों की अनंतिम कुर्की के लिए समयसीमा बढ़ाने का शीर्ष अदालत का फैसला सही था।

एक खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश के फैसले को खारिज करते हुए उससे संबंधित रिट याचिका को भी खारिज कर दिया। पीठ ने कहा कि 'महामारी की अवधि को वैधानिक समय सीमा से बाहर रखने' के शीर्ष आदालत के निर्देश पीएमएलए के तहत अर्ध-न्यायिक कार्यवाही पर लागू होते हैं।

यह मामला प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी एक अनंतिम कुर्की आदेश को चुनौती देने से जुड़ा था। मुख्य प्रश्न यह था कि क्या सर्वोच्च न्यायालय के सामान्य आदेशों द्वारा पीएमएलए के तहत पुष्टि की समय सीमा को बढ़ाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि पीमएलए के तहत संपत्ति की अनंतिम कुर्की की पुष्टि के लिए न्यायिक प्राधिकारी को 180 दिनों की समय-सीमा दी गई है।

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