पटना , अक्टूबर 16 -- राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के सर पर दो बार जीत का सेहरा बांधने वाले और पांच बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कोअपना आशीर्वाद देने वाले दानापुर विधानसभा सीट पर वापस फतह के लिए भाजपा ने अपने तुरुप के पत्ते पूर्व केन्द्रीय मंत्री राम कृपाल यादव को चुनावी अखाड़े में उतारा हैं।
दानापुर विधानसभा क्षेत्र में कभी भाजपा तो कभी राजद का कब्जा होता रहा है। राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, दानापुर विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 1995 और वर्ष 2000 में निर्वाचित हुये थे।वर्ष 1995 में लालू यादव ने राघोपुर और दानापुर दो सीटों पर जीत हासिल की थी। श्री यादव ने दानपुर सीट छोड़ दी। इसके बाद रिक्त हुयी इस सीट पर हुये वर्ष 1996 के उपचुनाव में भाजपा के विजय सिंह यादव ने जीत दर्ज की थी। आशा देवी ने (भाजपा) के टिकट पर पहली बार फरवरी 2005 के चुनाव में जीत दर्ज की थी।इसके बाद उन्होंने अक्टूबर 2005, वर्ष 2010 और 2015 का चुनाव भी भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता। वर्ष 2020 के चुनाव में आशा देवी के विजय रथ को रोकने के लिये राजद ने बाहुबली नेता रीत लाल यादव पर दाव लगाया था। इस चुनाव में रीतलाल यादव ने आशा देवी को मात दे दी और फिर से दानापुर सीट पर पार्टी का लालटेन रोशन हो गया।
वर्ष 2025 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव को दानापुर से पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। कभी लालू प्रसाद यादव के 'हनुमान' माने जाने वाले राम कृपाल यादव ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर पाटलिपुत्र सीट पर चुनाव लड़ा और राजद सुप्रीमो की बेटी मीसा भारती को पटखनी दी थी। इसके बाद वर्ष 2019 में भी इसी सीट पर भाजपा उम्मीदवार श्री रामकृपाल यादव ने राजद उम्मीदवार श्रीमती मीसा भारती को पराजित किया था। हालांकि वर्ष 2024 के पाटलिपुत्र लोकसभा चुनाव में राजद उम्मीदवार मीसा भारती ने बाजी अपने नाम कर ली और रामकृपाल यादव को मात दे दी।
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