सिरसा , अक्टूबर 16 -- हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) वाई पुरन कुमार सुसाइड ,उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायधीश पर जूता फेंकने व रायबरेली में हरिओम वाल्मिकी की हत्या मामलों को लेकर जिलेभर के विभिन्न दलित संगठनों ने गुरुवार को शहर में सडक़ों पर उतर कर रोष जाहिर किया।
दलित संगठनो के प्रतिनिधि यहां डा.भीमराव अंबेडकर चौक पर एकत्रित हुए,यहां सबसे पहले स्व.एडीजीपी वाई पुरन कुमार को श्रद्धाजंली अर्पित की। इसके बाद हाथों में तख्तियां व बैनर लेकर नारेबाजी करते हुए लघुसचिवालय की ओर प्रस्थान किया। तख्तियों पर दिवंगत एडीजीपी के परिवार को न्याय दो व दोषियों को सजा दो आदि नारे के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश व हरिओत वाल्मिीकी को न्याय दिलवाने से संबधित नारे लिखे हुए थे।
दलित संगठनों के लोग नारेबाजी कर रोष जताते हुए बरनाला रोड़,बालभवन व बाबा भूमण शाह चौक होते हुए लघु सचिवालय पहुंचे। रोष प्रदर्शन के दृष्टिगत भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। दलित संगठनों से जुड़े लोग जब सचिवालय पहुंचे तो मुख्य द्वार बंद कर पुलिस ने घेराबंदी कर ली।
जिला प्रशासन की ओर से ज्ञापन लेने के लिए तहसीलदार को भेजा गया मगर रोष प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हंसराज सीएमआई व करनैल सिंह ने जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपने की जिद्द कर ली जिसके बाद नारेबाजी ओर तेज हो गई। इसके बाद उपायुक्त शांतनु शर्मा मौके पर पहुंचे ओर नारेबाजी कर रहे लोगों को शांत करते हुए उनकी बात सुनी। इस दौरान हंसराज सीएमआई व करनैल सिंह औढ़ां सहित अन्य प्रतिनिधियों ने उपायुक्त को राष्ट्रपति व हरियाणा के राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान उपस्थितजन को संबोधित करते हुए करनैल सिंह औढ़ां व हंस राज सीएमआई ने कहा कि देश व प्रदेश में भाजपा शासन के चलते मनुवादी ताकतें ओर ताकतवर हो गई हैं। सरकारों का पीछे से संचालन आरएसएस व मनुवादी संगठन कर रहे हैं, हरियाणा के एक एडीजीपी लेवल के अधिकारी को मानसिक व जातीय प्रताडऩा के कारण सुसाइड का रास्ता अपनाना पड़ा। सुसाइड नोट में प्रताडऩा का खलुकर उल्लेख होने के बावजूद हरियाणा सरकार ने मुख्य आरोपी डीजीपी शत्रुजीत कपूर व रोहतक के पूर्व पुलिस अधीक्षक बिजारणिया को अब तक सस्पेंड नहीं किया।
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