चंडीगढ़, अक्टूबर 13 -- पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष विजय सांपला ने सोमवार को कहा कि आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार दलितों के नाम पर राजनीति करती है, पर वास्तव में उन्हीं पर अत्याचार करने वालों को संरक्षण देती है और उनके अधिकारों पर हमला करती है।

श्री सांपला ने बताया कि दलित महिला से मारपीट के मामले में चार साल की सजा पाये आप विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा को न तो पार्टी से निकाला गया और न ही अयोग्य घोषित किया गया। उल्टा, उन्हें जेल में विशेष सुविधायें दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मार्च 2024 के विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक दलित विधायक के प्रति अपमानजनक शब्द प्रयोग कर समुदाय का अपमान किया। अप्रैल 2024 में मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने पट्टी की रैली में जातीय टिप्पणी की, बाद में भुल्लर और मुख्यमंत्री को सार्वजनिक माफी मांगनी पड़ी। भारतीय जनता पार्टी के नेता श्री सांपला ने कहा कि चुनावों से पहले आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दलित उपमुख्यमंत्री का वादा किया था, पर जीत के बाद भुला दिया गया। उन्होंने कहा कि आप के राज्यसभा सदस्यों में एक भी दलित नहीं है। पंजाब, जहां देश की सबसे अधिक दलित आबादी है, वहां से चुने गये सात सांसदों में भी कोई दलित नहीं।

श्री सांपला ने कहा कि उच्च न्यायालय ने फटकार लगायी कि सरकार द्वारा छात्रवृत्ति का राज्यांश न देने से दलित विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हुई है। उन्होंने कहा कि मई 2025 में मजीठा नकली शराब कांड में मरे 30 में से 16 मज़हबी सिखों के परिवारों को न मुआवज़ा मिला, न नौकरी। लुधियाना की घटना में भी एससी/एसटी एक्ट लागू नहीं किया गया।

भाजपा नेता ने कहा कि सरकार बनने के बाद बाबा साहब डॉ भीमराव आम्बेकर की प्रतिमायें कई बार तोड़ी गयीं। भगवान रविदास बाणी अध्ययन केंद्र के लिए स्वीकृत 25 करोड़ रुपये की राशि रोक दी गयी, जिससे रविदासिया समाज की भावनायें आहत हुईं।

सितंबर 2023 में आप नेता दिनेश ढल के पुत्र द्वारा दलित युवक की पिटाई के बावजूद पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया और पीड़ित पर समझौते का दबाव बनाया।

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