अगरतला , अक्टूबर 29 -- त्रिपुरा मंत्रिमंडल ने एक महत्वपूर्ण बैठक में बाल विवाह की समस्या से निपटने एवं महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दो महत्वपूर्ण पहलों को मंजूरी दी है। मंत्रिमंडल ने रोजगार के लिये भर्ती प्रक्रिया को बढ़ाने का भी निर्णय लिया है।

मंत्रिमंडल मामलों के प्रवक्ता और पर्यटन मंत्री सुशांत चौधरी ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री बालिका समृद्धि योजना, समाज कल्याण एवं सामाजिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत आती है और इस कार्यक्रम का उद्देश्य बाल विवाह को हतोत्साहित करना एवं बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना है।

इस योजना के अंतर्गत अंत्योदय श्रेणी के परिवारों को अपनी दो बेटियों के जन्म पर प्रत्येक को पचास -पचास हजार रुपये की सावधि जमा राशि प्राप्त हो सकती है। यह राशि लड़की के 18 वर्ष पूरी होने पर प्राप्त की जा सकती है, बशर्ते वह तब तक अविवाहित हो।

उन्होंने कहा कि बालिका का जन्म किसी भी मान्यता प्राप्त सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में होना चाहिए और प्रसव के समय मां की आयु भी कम से कम 18 वर्ष और नौ महीने होनी चाहिए। उन्होंने संकेत दिया कि कानूनी उम्र से पहले विवाहित माताओं के संबंध में आगे स्पष्टीकरण दिया जाएगा।

महिला नेतृत्व वाले उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए मंत्रिमंडल ने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के माध्यम से महिला उद्यमियों के लिए अतिरिक्त पांच प्रतिशत सब्सिडी देने की भी शुरुआत की है। महिलाओं को एक करोड़ रुपये तक का ऋण मिल सकेगा जबकि पुरुषों के लिए सब्सिडी की सीमा 30 प्रतिशत रहेगी।

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