अगरतला , दिसंबर 02 -- त्रिपुरा ने रोज़गार क्षमता बढ़ाने और पलायन पर अंकुश लगाने के लिए आईआईटी दिल्ली और टाटा आईआईएस के साथ दो समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

कौशल विकास निदेशालय के अधिकारियों के मुताबिक इन समझौतों के तहत एक हजार युवाओं को उन्नत, उद्योग-संबंधित नौकरियों में प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे राज्य के कार्यबल को एक साथ लाया जा सकेगा।उन्होंने बताया कि पहले समझौता ज्ञापन में आईआईटी दिल्ली और राज्य के संस्थानों के बीच सहयोग शामिल है, जिसके तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ब्लॉकचेन और 5जी तकनीकों जैसे उभरते तकनीकी क्षेत्रों में 500 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

यह प्रशिक्षण पहल नाइलिट (एनआईईएलआईटी) अगरतला, त्रिपुरा प्रौद्योगिकी संस्थान और राज्य भर के अन्य सरकारी सहायता प्राप्त केंद्रों के साथ साझेदारी में संचालित की जाएगी। इस कार्यक्रम के लिए धनराशि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) 4.0 और मुख्यमंत्री योग्यता उन्नयन प्रकल्प (एमएमडीयूपी) के संयुक्त योगदान से प्रदान की जाएगी।

आईआईटी दिल्ली के आई-हब फाउंडेशन फॉर कोबोटिक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आशुतोष दत्त शर्मा ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद त्रिपुरा में एक क्षेत्रीय नवाचार केंद्र स्थापित करने में रुचि व्यक्त की। यह केंद्र उन्नत तकनीकों में विशेषज्ञता रखने वाले स्टार्टअप्स के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान कर सकता है और राज्य में आईटी से संबंधित नए रोजगार विकल्पों को बढ़ावा दे सकता है।

टाटा आईआईएस के साथ दूसरा समझौता ज्ञापन औद्योगिक स्वचालन सुरक्षा इंजीनियरिंग, औद्योगिक रोबोटिक्स सिस्टम एकीकरण, इलेक्ट्रिक वाहन रखरखाव, सीएनसी प्रोग्रामिंग और 3डी प्रिंटिंग संचालन जैसे तकनीकी क्षेत्रों में 500 अन्य उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करने पर केंद्रित है।

ये प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य भर के विभिन्न औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के माध्यम से संचालित किए जाएँगे। अधिकारियों ने बताया कि टाटा आईआईएस के मुख्य वित्तीय अधिकारी मयंक पालन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रशिक्षण सीधे तौर पर नौकरी के अवसरों से जुड़ा होगा, जिससे सफल उम्मीदवारों को टाटा की विनिर्माण इकाइयों और देश भर के साझेदार उद्योगों से जोड़ा जा सकेगा।

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