हैदराबाद, सितंबर 27 -- तेलंगाना के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार स्थानीय निकाय चुनावों और उसके बाद पिछड़े वर्गों (बीसी) के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
श्री प्रभाकर ने यहां संवाददाताओं से इस कदम से अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक रूप से निर्धारित कोटे पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने याद दिलाया कि सरकार ने एक व्यापक जाति सर्वेक्षण कराया था और उसके निष्कर्षों के आधार पर एक उप-समिति का गठन किया था। पिछड़ा वर्ग आरक्षण को 42 प्रतिशत तक बढ़ाने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी, विधानमंडल में इस पर चर्चा हुई और राज्यपाल और उसके बाद राष्ट्रपति को भेजे जाने से पहले सभी दलों का समर्थन प्राप्त हुआ।
उन्होंने कहा, "तमिलनाडु में भी इसी तरह के मामले राष्ट्रपति के समक्ष लंबित हैं, लेकिन कार्यान्वयन रोका नहीं गया है। इसी आधार पर हमने 42 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के लिए सरकारी आदेश संख्या 9 जारी किया है।" उन्होंने जोर दिया कि जब 10 प्रतिशत आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण लागू किया गया था, तब कोई आपत्ति नहीं उठाई गई थी, लेकिन अब पिछड़े वर्गों (बीसी) के आरक्षण पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एससी और एसटी के लिए आरक्षण संवैधानिक रूप से गारंटीकृत है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईडब्ल्यूएस) का कोटा भी बरकरार है। इसलिए, 42 प्रतिशत पिछड़े वर्गों (बीसी) के लिए आरक्षण कोई संवैधानिक बाधा नहीं पैदा होगी।
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