हैदराबाद, अक्टूबर 17 -- तेलंगाना सरकार ने सभी ज़िलों में विवाह पूर्व परामर्श केंद्र (पीएमसीसी) स्थापित करने का निर्णय लिया है।

तेलंगाना राज्य महिला आयोग और सखी वन स्टॉप सेंटरों में विवाह संबंधी बढ़ती शिकायतों को देखते हुये यह फैसला लिया गया है। इस कदम का उद्देश्य जोड़ों के बीच समझ की कमी, माता-पिता का हस्तक्षेप, तलाक और बच्चों में मनोवैज्ञानिक संकट जैसी बढ़ती समस्याओं का समाधान करना है।

तेलंगाना की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री डॉ. दानसारी अनसूया सीताक्का ने शुक्रवार को इन केंद्रों की स्थापना को मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि पहले, बड़े-बुज़ुर्ग और रिश्तेदार शादी से पहले और बाद में मार्गदर्शन देते थे, लेकिन शहरीकरण, छोटे परिवारों और पीढ़ियों के बीच संबंधों की समाप्ति ने ऐसी सहायता प्रणालियों में कमी ला दी है।

उन्होंने कहा, "आज के समय में, जोड़ों को शादी से पहले भावनात्मक गहरायी, आपसी सम्मान और साझा ज़िम्मेदारियों को समझने के लिए पेशेवर परामर्श की आवश्यकता होती है।"प्रत्येक ज़िले में एक विवाह-पूर्व परामर्श केंद्र होगा जो शुरुआत में सखी या वन-स्टॉप सेंटरों से संचालित होगा। आवश्यकता पड़ने पर बाद में समर्पित भवन बनाए जाएंगे। इन केंद्रों में प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिक, कानूनी विशेषज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता और विवाह परामर्शदाता नियुक्त होंगे, जिन्हें 30,000 रुपये का मासिक मानदेय मिलेगा।

ये केंद्र युवा जोड़ों को आपसी समझ, भावनात्मक अनुकूलता और विवाद समाधान का प्रशिक्षण देंगे। इसके साथ ही कानूनी अधिकारों, लैंगिक संवेदनशीलता और पारिवारिक ज़िम्मेदारियों के बारे में जागरूकता भी बढ़ाएंगे। कर्मचारियों के वेतन और रखरखाव सहित इन केंद्रों के संचालन की वार्षिक लागत पांच करोड़ रुपये अनुमानित है।

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