नयी दिल्ली , दिसंबर 18 -- प्रजा शांति पार्टी के अध्यक्ष डॉ. के. ए. पॉल ने विधायकों के दल-बदल के मामले में तेलंगाना विधानसभा के अध्यक्ष गद्दम प्रसाद कुमार के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

श्री कुमार ने सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल होने के आरोपों का सामना कर रहे भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के 10 में से पांच विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं को बुधवार को खारिज कर दिया था। उन्होंने अपने फैसले के तहत बीआरएस के पांच विधायकों अरेकटपुडी गांधी, तेल्लम वेंकट राव, बांदा कृष्णमोहन, टी. प्रकाश गौड़ और गुडेम महिपाल रेड्डी को राहत दी थी।

डॉ. पॉल ने गुरुवार को यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि श्री कुमार का निर्णय संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत दलबदल विरोधी कानून की मूल भावना का उल्लंघन करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस आदेश में विधायकों की सार्वजनिक और राजनीतिक गतिविधियों को नजरअंदाज करते हुए दलबदल को केवल एक तकनीकी प्रक्रिया तक सीमित कर दिया गया है।

इस दौरान इस मामले में उच्चतम न्यायालय में चल रही सुनवाई का उल्लेख करते हुए कहा कि जब यह मामला न्यायिक समीक्षा के दायरे में है, तो ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष यह निर्णय कैसे ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने श्री कुमार के इस फैसले के खिलाफ तेलंगाना उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। उल्लेखनीय है कि 31 जुलाई को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्पीकर को 10 विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर तीन महीने की निर्धारित अवधि में फैसला करने का निर्देश दिया था। इसके बाद 17 नवंबर को शीर्ष अदालत ने विधानसभा अध्यक्ष को अवमानना नोटिस जारी करते हुए तय समय-सीमा में निर्णय न लेने को 'सबसे गंभीर प्रकार की अवमानना' बताया था।

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