हैदराबाद , अक्टूबर 18 -- तेलंगाना में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़ा वर्ग के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर पिछड़ा वर्ग संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) की ओर से आहूत राज्यव्यापी बंद की वजह से शनिवार को राज्य में जनजीवन प्रभावित रहा ।
राज्य में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर लगभग सभी क्षेत्र बंद रहे। कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), टीजेएस, भाकपा (माले) न्यू डेमोक्रेसी और माओवादी संगठनों सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने बंद को समर्थन दिया। कई सामुदायिक, छात्र, आदिवासी, अल्पसंख्यक और जन संगठनों ने भी पिछड़ा वर्ग संघों के साथ मिलकर बंद का आह्वान किया।
प्रदर्शनकारियों ने राज्य भर में बस डिपो और राजमार्गों को बंद कर दिया। हैदराबाद में आरटीसी बसें उप्पल, चेंगिचेरला और कुकटपल्ली के डिपो तक ही सीमित रहीं, जिससे सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था ठप रही। कुकटपल्ली में लगभग 125 बसें फंसी रहीं, जबकि शहर की प्रमुख सड़कें सुनसान रहीं। भाजपा सांसद इटेला राजेंद्र सिकंदराबाद के जुबली बस स्टैंड पर धरने में शामिल हुए और बीसी जेएसी नेताओं ने एमजीबीएस पर धरना दिया और बसों को जाने से रोक दिया। वारंगल, महबूबनगर, निज़ामाबाद और विकाराबाद से भी ऐसी ही खबरें आईं, जहाँ बसें डिपो तक ही सीमित रहीं। बीआरएस नेता एवं मंत्री श्रीनिवास गौड़ ने महबूबनगर में विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। कांग्रेस और भाजपा नेता भी विभिन्न जिलों में प्रदर्शनों में शामिल हुए।
पिछड़ा वग्र संघों ने नागरिकों से सहयोग करने और चिकित्सा एवं आपातकालीन ज़रूरतों को छोड़कर, दिन भर के लिए सेवाएँ बंद रखने का आग्रह किया है।
सत्तारूढ़ कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर बंद का समर्थन किया है। प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ ने मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और पार्षदों से सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया। उन्होंने मंत्री कोंडा सुरेखा, विधायक दानम नागेंद्र और राज्यसभा सांसद अनिल यादव के साथ अंबरपेट, राठीफाइल और एमजीबीएस सहित प्रमुख बस स्टैंडों पर विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
बीआरएस ने भी बंद का पूरा समर्थन किया और तेलंगाना भवन से नेता मंडल और ज़िला स्तर पर आंदोलन में शामिल होने के लिए जुटे। तेलंगाना जागृति की अध्यक्ष के. कविता ने खैरताबाद चौराहे पर एक मानव श्रृंखला का नेतृत्व किया और सरकार और न्यायपालिका पर स्थानीय निकाय चुनावों में 42 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग आरक्षण लागू करने का दबाव बनाया। करीमनगर में परिवहन सेवाएं ठप रहीं और स्कूल बंद रहे यह राज्य का दूसरा सबसे बड़ा बस अड्डा है। कांग्रेस विधायक और सरकार के सचेतक आदि श्रीनिवास वेमुलावाड़ा और हुस्नाबाद में रैलियों और धरनों में शामिल हुए। संगारेड्डी, मेडक, खम्मम, भद्राद्री कोठागुडेम, मनुगुरु और भद्राचलम में भी इसी तरह के बंद की रिपोर्ट सामने आयी हैं, जहाँ बसें डिपो में खड़ी रहीं और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों ने स्वेच्छा से अपने शटर बंद कर दिए। आदिलाबाद से लेकर आसिफाबाद तक विरोध प्रदर्शनों में एक ही माँग गूंज सुनायी दे रही है। स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़ा वर्ग के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाए। राज्य भर में बंद का असर दिखाई देने से शहरों और कस्बों में जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ और तकरीबन आवाजाही बंद रही।
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