हैदराबाद , अक्टूबर 12 -- तेलंगाना की हैदराबाद साइबर अपराध पुलिस ने सितंबर में बड़ी सफलता हासिल करते हुए विभिन्न साइबर अपराधों में शामिल आठ राज्यों से 59 आरोपियों को गिरफ्तार किया। साथ ही त्वरित कार्रवाई और बैंकों के साथ समन्वय के माध्यम से पीड़ितों को 86,64,827 रुपये वापस कराये।

पुलिस की ओर से रविवार को यहां जारी बयान के अनुसार हैदराबाद शहर के साइबर अपराध को इस महीने के दौरान राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) के माध्यम से 320 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से 222 प्राथमिकी शहर के साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में और 106 प्राथमिकी क्षेत्रीय साइबर सेल में दर्ज की गईं।

ये गिरफ्तारियां ऑनलाइन धोखाधड़ी की कई श्रेणियों से जुड़ी थीं जिनमें निवेश धोखाधड़ी (28 मामले), डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले (6), क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी (04), वैवाहिक धोखाधड़ी (02), मूवी पाइरेसी (03), ट्रेडिंग धोखाधड़ी (01) और नौकरी धोखाधड़ी (01) शामिल हैं।

आरोपियों का पता दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और हरियाणा सहित कई राज्यों में लगाया गया और वे तेलंगाना के 74 मामलों सहित देश भर में 257 साइबर अपराध मामलों में संलिप्त पाए गए।

पुलिस ने एक महत्वपूर्ण अभियान में तमिलब्लास्टर्स और मूवीज़रुल्ज़ जैसी वेबसाइटों पर #सिंगल और कुबेर जैसी तेलुगु फिल्मों को लीक करने वाले एक मूवी पायरेसी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया और बिहार, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और गोवा से पांच मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया।

एक अन्य चौंकाने वाले मामले में हैदराबाद के एक सेवानिवृत्त डॉक्टर की 'डिजिटल गिरफ्तारी' घोटाले में कानून प्रवर्तन अधिकारियों का भेष धारण करने वाले धोखेबाजों द्वारा परेशान किए जाने के बाद हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई। महाराष्ट्र से सक्रिय आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

एक अन्य मामले में, पुलिस ने इंस्टाग्राम पर एक वैवाहिक घोटाले के लिए बीजापुर (कर्नाटक) और हैदराबाद से आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिसमें फर्जी प्रोफाइल और वीडियो का इस्तेमाल करके पीड़ितों से 25 लाख रुपये से अधिक की ठगी की गई।

पुलिस ने कार्रवाई के दौरान 43 मोबाइल फोन, 23 एटीएम कार्ड, नौ चेकबुक, आठ पासबुक, चार लैपटॉप और अन्य डिजिटल उपकरण ज़ब्त किए।

पुलिस अधिकारियों ने नागरिकों से फर्जी निवेश समूहों, धोखाधड़ी वाले नौकरी के प्रस्तावों और छद्म पहचान वाले घोटालों से सतर्क रहने का आग्रह किया। उन्होंने जनता को याद दिलाया कि कोई भी सरकारी एजेंसी डिजिटल गिरफ्तारी नहीं करती है या फ़ोन कॉल पर पैसे की मांग नहीं करती है। साइबर धोखाधड़ी के शिकार लोगों को सलाह दी जाती है कि वे धन की शीघ्र वसूली के लिए तुरंत हेल्पलाइन 1930 या सरकारी वेबसाइट पर घटना की सूचना दें।

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