हैदराबाद , अक्टूबर 08 -- तेलंगाना में औषधि नियंत्रण प्रशासन (डीसीए) ने बुधवार को मध्य प्रदेश सरकार की औषधि परीक्षण प्रयोगशाला से प्राप्त सूचना के आधार पर सार्वजनिक अलर्ट जारी किया है और दो कफ सिरप का उपयोग बंद करने का नोटिस जारी किया है। प्रयोगशाला ने पुष्टि की है कि दोनों कफ सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल की मिलावट पाई गई है जो एक अत्यधिक विषाक्त पदार्थ है और गंभीर स्वास्थ्य खतरों का कारण बन सकता है।
प्रयोगशाला रिपोर्ट के अनुसार, "रिलीफ" कफ सिरप में एम्ब्रोक्सोल हाइड्रोक्लोराइड, गुआइफेनेसिन, टरबुटालाइन सल्फेट और मेन्थॉल का उपयोग किया गया है और यह मेसर्स शेप फार्मा प्राइवेट लिमिटेड, गुजरात द्वारा निर्मित है। वहीं "रेस्पिफ्रेश टीआर" कफ सिरप में ब्रोमहेक्सिन हाइड्रोक्लोराइड, टरबुटालाइन सल्फेट, गुआइफेनेसिन और मेन्थॉल का उपयोग किया गया है और यह मेसर्स रेडनेक्स फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड, अहमदाबाद द्वारा निर्मित है। इसने दोनों कफ सिरफ को मानव उपयोग के लिए असुरक्षित घोषित किया है। दोनों उत्पाद दिसंबर 2026 में समाप्त होने वाले बैचों में शामिल हैं।
इन निष्कर्षों के आधार पर डीसीए ने लोगों को दृढ़तापूर्वक सलाह दी है कि अगर उनके पास ये कफ सिरप हैं तो वे इनका उपयोग तुरंत बंद कर दें तथा बिना किसी देरी के निकटतम औषधि नियंत्रण प्राधिकरण को इसकी सूचना दें। लोग डीसीए से टोल-फ्री नंबर 1800-599-6969 पर भी संपर्क कर सकते हैं जो सभी कार्य दिवसों में सुबह 10:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक चालू रहता है।
तेलंगाना के सभी औषधि निरीक्षकों एवं सहायक निदेशकों को निर्देश दिया गया है कि वे खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं, वितरकों और अस्पतालों को सतर्क करें कि वे उक्त उत्पादों के किसी भी उपलब्ध स्टॉक को फ्रीज कर दें और यह सुनिश्चित करें कि किसी भी परिस्थिति में उन्हें बेचा या वितरित न किया जाए।
डीसीए ने सख्त प्रवर्तन उपाय शुरू किए हैं तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए किसी भी प्रकार का खतरा उत्पन्न होने से रोकने के लिए स्थिति पर पैनी नजर रखी जा रही है।
महानिदेशक शाहनवाज कासिम ने कहा कि प्रशासन सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है और उन्होंने नागरिकों से अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह किया।
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