हैदराबाद , दिसंबर 02 -- तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी और उद्योग मंत्री दुदिला श्रीधर बाबू ने मंगलवार को कहा कि तेलंगाना बिना ड्राइवर वाले सिस्टम और आधुनिक रक्षा विनिर्माण के लिए एक मज़बूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाकर खुद को 'भारत का रक्षा रणनीतिक केंद्र' बनाने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

श्री बाबू ने महेश्वरम में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में प्रस्तावित जेएसडब्ल्यू की ड्रोन फैसिलिटी के लिए भूमि पूजा समारोह में कहा कि राज्य सरकार तेलंगाना को रक्षा नवाचार में वैश्विक अगुआ बनाने के लिये एक पूरा रोडमैप तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि सारा ध्यान मानवरहित हवाई सिस्टम, ड्रोन तकनीक और एयरोस्पेस विनिर्माण पर होगा।

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत तेलंगाना भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिये एक खास ड्रोन विनिर्माण और परीक्षण कॉरिडोर बनाने का इरादा रखता है। शील्ड एआई के साथ साझेदारी में बन रही 850 करोड़ की जेएसडब्ल्यू रक्षा फ़ैसिलिटी सालाना 300 वीबैट ड्रोन बनायेगी। करीब 16 एकड़ में फैली इस इकाई में ड्रोन का निर्माण, मरम्मत और परीक्षण होगा। इस इकाई से 300 सकुशल लोगों को नौकरी मिलने की उम्मीद है। यह इकाई इस साल के अंत तक शुरू हो जायेगी।

श्री बाबू ने कहा कि ड्रोन, सैटेलाइट, साइबर व्यवस्था और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज की लड़ाई का केंद्र बन गये हैं। इससे ड्रोन बनाने में आत्मनिर्भरता देश की सुरक्षा के लिए बहुत ज़रूरी हो गयी है।

उन्होंने कहा कि भारत का घरेलू रक्षा ड्रोन बाजार 2030 तक 4.4-5 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है और तेलंगाना अपने मजबूत विनिर्माण और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के साथ इस विकास का नेतृत्व करने के लिये अच्छी स्थिति में है।

उन्होंने यह भी बताया कि हैदराबाद में काम कर रही एलबिट सिस्टम्स और शिबेल जैसी वैश्विक रक्षा कंपनियां एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में राज्य की बढ़ती अहमियत को दिखाती हैं। इस मौके पर जेएसडब्ल्यू के रक्षा संस्थापक पार्थ जिंदल, विधायक मालरेड्डी रंगा रेड्डी और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

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