बेंगलुरु , अक्टूबर 09 -- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद तेजस्वी सूर्या ने यहां नम्मा मेट्रो के किराया में प्रस्तावित संशोधन पर चिंता जताई है और अनुशंसित 105 प्रतिशत वृद्धि को अतार्किक बताया है।

श्री सूर्या ने इस संबंध में बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएमआरसीएल) के प्रबंध निदेशक डॉ जे रविशंकर को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने किराया गणना पद्धति में विसंगतियों की तत्काल समीक्षा और सुधार करने की अपील की है।

गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2024 की रिपोर्ट और कर्नाटक उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद इस साल 11 सितंबर को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराई गयी रिपोर्ट में किराए में भारी वृद्धि का प्रस्ताव है। श्री सूर्या की जांच से कर्मचारियों की लागत, ऊर्जा लागत और रखरखाव और प्रशासनिक खर्चों में कई गणितीय विसंगतियां सामने आयीं है।

भाजपा सांसद ने अपने पत्र में बताया है कि रखरखाव और प्रशासन लागत को गलत तरीके से 366 प्रतिशत की वृद्धि के रूप में दर्शाया गया है, जबकि ऑडिट किए गए खातों पर आधारित गणना से पता चलता है कि वास्तविक वृद्धि 118.5 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि यह गलत गणना 2017 में परिचालन व्यय की गलत व्याख्या से उपजी है, जिसके कारण कुल किराया 105.15 प्रतिशत बढ़ गया।

इसके अलावा, उन्होंने किराया निर्धारण समिति की बिना किसी तर्क दिए या बीएमआरसीएल द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों का क्रॉस-सत्यापन किए मनमाने ढंग से औसतन 51.55 प्रतिशत वृद्धि तय करने के लिए आलोचना की है।

श्री सूर्या ने कहा है कि फरवरी 2024 में पिछले युक्तिकरण के बाद भी, जिसे सार्वजनिक विरोध और मांगों के बाद लागू किया गया था। बीएमआरसीएल की प्रस्तावित वृद्धि आवश्यक समायोजन से कहीं अधिक है। उन्होंने इन विसंगतियों को देखते हुए बीएमआरसीएल से किराया संरचना का पुनर्मूल्यांकन करने और रिपोर्ट में त्रुटियों को सुधारने का आग्रह किया। उन्होंने एक खुला मंच आयोजित करने का सुझाव दिया जहाँ अधिकारी जनता और निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर सकें और चिंताओं का समाधान कर सकें और किराया संशोधन की कार्यप्रणाली को स्पष्ट कर सकें।

भाजपा सांसद ने कहा है कि जनता का विश्वास सुनिश्चित करने और बेंगलुरु मेट्रो नेटवर्क के बढ़ते उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक निष्पक्ष और पारदर्शी किराया संशोधन प्रक्रिया आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऐसे संशोधनों से शहर के सुलभ और किफायती सार्वजनिक परिवहन के दृष्टिकोण को बल मिलना चाहिए, न कि यात्रियों पर अनावश्यक वित्तीय दबाव डालना चाहिए।

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