, Oct. 23 -- पटना, 23 अक्टूबर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव खुद भ्रष्टाचार के आरोपी हैं और उनके मुंह से भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात शोभा नही देती है । पूर्व केंद्रीय ने भाजपा मीडिया सेंटर में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव ने आज नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार दौरान किये गए कार्यों का उल्लेख किया। उन्हें याद रखना चाहिए कि उस समय मुख्यमंत्री कौन थे? उन्होंने कहा कि श्री यादव के भ्रष्टाचार को देखकर ही नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग हुए थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में तेजस्वी के नाम की घोषणा एक 'पब्लिसिटी स्टंट' है क्यों कि ना तो महागठबंधन की जीत होगी और ना ही तेजस्वी मुख्यमंत्री बनेंगे ।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने तेजस्वी यादव के कार्यों का उल्लेख करते हुए सवाल किया कि श्री यादव भ्रष्टाचार की किस कहानी पर विश्वास करते हैं, खुद की या अपने पिताजी, माताजी और अपने सहयोगियों की? आज देश और राज्य को यह बताना जरूरी है कि श्री यादव के पिताजी और राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव को चारा घोटाले के चार मामलों में सजा हो चुकी है। उन्हें कुल मिला कर 32 साल पांच महीने की सजा हो चुकी है।" श्री प्रसाद ने तेजस्वी यादव के भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस का दावा करने पर तंज कसते हुए कहा कि उनके पिताजी को 32 साल की सजा हो चुकी है। अलकतरा घोटाले में भी उनके अधिकारियों को सजा हो चुकी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट में 27 अक्टूबर से एक मामले में ट्रायल चलने वाला है। इसमें आरोप तय हो चुके हैं। यह जानना जरूरी है कि यह मामला क्या है। इसमें लालू यादव के रेल मंत्री रहते रेलवे के दो होटलों को नियमों के विरुद्ध निजी संस्था को दे दिया गया था। इसके एवज में श्री यादव को पटना में साढ़े तीन एकड़ जमीन दी गई। कोर्ट ने सारे मामले में कहा कि यह भ्रष्टाचार का बड़ा गंभीर मामला है।
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