शैलेश कुमार सिंह सेबैकुंठपुर (गोपालगंज) , नवंबर 05 -- बिहार विधानसभा चुनाव में बैकुंठपुर पुर सीट पर चुनावी मैदान में उतरे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी और पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव की हवा हवाई घोषणाओं से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को फायदा मिल रहा है।
श्री तिवारी ने कहा कि बिहार में एनडीए के पास बीस साल का 'ट्रैक रिकॉर्ड' है। उन्होंने कहा कि लम्बे समय से राजनीति में बेदाग नीतीश कुमार ने अपने विकास कार्यों से सुशासन बाबू की उपाधि पाई है। उन्होंने कहा कि केंद्र में भी 11 वर्ष पुरानी नरेंद्र मोदी सरकार अपनी साफ सुधरी छवि और निरंतर देश की प्रगति की वजह से तीसरी बार चुन कर आई है। उन्होंने कहा कि जिस महागठबंधन ने अपने 15 वर्षों के कार्यकाल में बिहार को जंगलराज बना दिया था, उसे चुनने के लिए जनता के पास कोई वजह नही है और उपर से राजद नेता तेजस्वी यादव की हवा हवाई घोषणाओं से जनता का भरोसा महागठबंधन से उठता जा रहा है।
यह पूछे जाने पर कि बैकुंठपुर में पिछला चुनाव महागठबंधन के उम्मीदवार ने जीता था, श्री तिवारी ने कहा कि पिछली बार इस सीट पर एनडीए के अंदर 'फ़्रेंडली फाइट' हो गयी थी। उनके खिलाफ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व विधायक मंजीत सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े हो गए थे , जिसकी वजह से एनडीए के मतों का आपस मे बंटवारा हो गया था। कहा कि 2020 के चुनाव में एनडीए के बागी उम्मीदवार मंजीत सिंह को 43354 मत मिले थे, जबकि प्रेमशंकर प्रसाद से उनकी हार का अंतर सिर्फ 11113 मतों का था। उन्होंने कहा कि मंजीत सिंह को इस बार एनडीए ने गोपालगंज जिले की बरौली सीट पर उम्मीदवार बनाया है और बैकुंठपुर में श्री सिंह इस बार सहयोगी भूमिका में हैं।
भाजपा उम्मीदवार से यह पूछे जाने पर की मंजीत सिंह राजपूत जाति से आते हैं और इस बार उनके बदले एक अन्य प्रभावशाली राजपूत पूर्व डीआईजी रामनारायण सिंह मैदान में हैं, श्री तिवारी ने कहा कि पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त होने के बावजूद रामनारायण सिंह के पास फ़िलहाल कोई राजनीतिक जमीन नही है और उनसे उस तरह का खतरा संभावित नही है जो पूर्व विधायक मंजीत सिंह के 2020 के चुनाव में मैदान में उतरने से हुआ था।
विपक्षी उम्मीदवार और बैकुंठपुर के वर्तमान विधायक राजद के प्रेमशंकर प्रसाद से मिल रही टक्कर पर श्री तिवारी ने कहा कि उनका एक जातीय समीकरण है जिसमे करीब 54000 के आसपास मत आते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में श्री प्रसाद को 67807 मत मिले थे। उन्होंने कहा कि 2020 के चुनाव में पक्ष और विपक्ष दोनो गठबंधनों में कड़ा संघर्ष हुआ था, लेकिन इस बार महागठबंधन के मतों में बिखराव साफ दिख रहा है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के ही एक बागी कार्यकर्त्ता और पूर्व ब्लॉक प्रमुख के पति प्रदीप राय बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरे हैं। उन्होंने कहा कि 2020 के चुनाव में एनडीए में वोटों का बिखराव हुआ था, लेकिन इस बार उसी बिखराव का दर्द महागठबंधन के पाले में है। उन्होंने कहा कि एक साल पहले अस्तित्व में आई पार्टी जनसुराज ने भी अजय प्रसाद को मैदान में उतारा है लेकिन फिलहाल उनसे कोई खतरा नही है।
उल्लेखनीय है कि मिथिलेश तिवारी भाजपा संगठन के एक जानेमाने नाम हैं। 2015 में जब भाजपा और जदयू अलग अलग चुनाव लड़े थे, तब उन्होंने बैकुंठपुर की सीट पर उंस समय के वर्तमान विधायक जदयू के मंजीत सिंह को पराजित किया था। 2020 में बैकुंठपुर विधानसभा सीट पर हार के बावजूद भाजपा ने श्री तिवारी पर बड़ा दांव लगाया और कद्दावर नेता अश्विनी चौबे का टिकट काट कर 2024 के लोकसभा चुनाव में बक्सर सीट पर उन्हें उम्मीदवार बनाया था। श्री तिवारी कड़े मुकाबले के बाद भले ही बक्सर लोकसभा सीट हार गए लेकिन एक साल बाद ही पार्टी ने उन्हें बैकुंठपुर पुर विधानसभा सीट पर उम्मीदवार बना कर संकेत दिया कि वह भाजपा के तरकस के महत्वपूर्ण तीर हैं।
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