श्रीगंगानगर , नवम्बर 22 -- राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले के सादुलशहर क्षेत्र में नशा मुक्ति केंद्रों के नाम पर चल रहे यातना गृहों का भंडाफोड़ होने के बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक वीरेंद्र पाल सिंह ने तीन केंद्रों के संचालकों के खिलाफ अलग-अलग तीन मामले दर्ज करवाए हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि पंजाब और हरियाणा की सीमाओं से सटे सादुल शहर में इन केंद्रों में नशेड़ी युवकों को अमानवीय तरीके से प्रताड़ित किया जा रहा था, जहां इलाज के बहाने उनके परिवारों से मोटी रकम वसूली जाती थी। श्री सिंह की तीन रिपोर्टों के आधार पर सादुलशहर थाने में तीन केंद्र संचालकों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। इन केंद्रों में दो युवकों की मौत की खबरें सामने आई हैं, हालांकि आधिकारिक तौर पर एक की पुष्टि हुई है।

सूत्रों ने बताया कि यह मामला इन केंद्रों में चल रहे जुल्मों की हकीकत को बयां करता है, जहां युवकों को अमानवीय स्थिति में रखा जाता था।

राज्य सरकार के एक ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज शिकायत के बाद उच्चाधिकारियों के निर्देश पर बुधवार और गुरुवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उपखंड अधिकारी, तहसीलदार और तत्कालीन थाना प्रभारी सुमेरसिंह समेत अधिकारियों के संयुक्त दल ने सादुल शहर में तीन केंद्रों पर छापेमारी की थी।

सूत्रों ने बताया कि ये केंद्र बिना किसी वैध लाइसेंस के संचालित हो रहे थे। यहां भर्ती युवकों का कोई चिकित्सकीय इलाज नहीं किया जा रहा था, बल्कि उन्हें जानवरों जैसी हालत में रखा जाता था। रहने, खाने-पीने, नहाने-धोने की व्यवस्थाएं इतनी दयनीय थीं कि कई युवक चर्म रोगों से पीड़ित पाए गए। केंद्रों में विशेषज्ञ डॉक्टर या प्रशिक्षित स्टाफ की कमी थी और युवकों की जान को खतरे में डाल दिया गया था। एक केंद्र में तो दड़बेनुमा भवन में 135 युवक ठूंसे हुए थे, जहां से छापेमारी के दौरान 15 युवक भाग निकले। शेष 120 में से एक दर्जन से अधिक की हालत गंभीर थी। छापेमारी के दौरान एक केंद्र से एक युवक की मौत की पुष्टि हुई।

पुलिस उप अधीक्षक (ग्रामीण) राहुल यादव ने बताया कि गंभीर हालत वाले युवकों को सादुलशहर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां एक की मौत हो गई। परिवार वाले बिना पोस्टमार्टम के शव ले जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करके पोस्टमार्टम करवाया। मौत के कारणों की गहन जांच चल रही है। दूसरी मौत के मामले में परिवार वाले तुरंत पहुंचकर शव ले गए, बिना कोई कार्रवाई के।

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