नयी दिल्ली , अक्टूबर 15 -- सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय तीन और विश्वविद्यायों में डॉ. अंबेडकर पीठ की स्थापना करेगा और इसके लिए आपसी सहमति के मसौदे पर हस्ताक्षर कर दिये गये हैं।
आधिकारिक सूचना के अनुसार जिन तीन और विश्वविद्यालयों में डॉ अम्बेडकर पीठ का गठन होना है उनमें मुंबई विश्वविद्यालय, जयपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय और जीबी पंथ तकनीकी विश्वविद्यालय और कृषि विश्वविद्यालय शामिल हैं। इस योजना के अंतर्गत कार्यरत पीठों की कुल संख्या 28 हो गई है।गडॉ. अंबेडकर पीठों की स्थापना के लिए बुधवार को यहां डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह का आयोजन किया गया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने इस अवसर पर अपने संबोधन में शैक्षणिक और शोध पहलों के माध्यम से भारत रत्न डॉ. बी.आर. अंबेडकर की विचारधारा और दृष्टिकोण के प्रसार में डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन के निरंतर प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि शिक्षा, सामाजिक जागरूकता और संस्थागत सहयोग, डॉ. अंबेडकर की परिकल्पना के अनुसार एक समतामूलक और समावेशी समाज के निर्माण के सबसे सशक्त साधन हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नव स्थापित पीठें सामाजिक न्याय, समानता, वंचित समुदायों के सशक्तिकरण और संवैधानिक मूल्यों से संबंधित मुद्दों पर नीति-उन्मुख अनुसंधान, जन जागरूकता और अकादमिक विमर्श में सार्थक योगदान देंगी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव अमित यादव ने कहा कि डॉ. आंबेडकर के दर्शन और समकालीन सामाजिक एवं कानूनी चुनौतियों में उनकी प्रासंगिकता पर बहु-विषयक शोध को बढ़ावा देने में विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने 'अंबेडकरवादी' विचारधारा पर शैक्षणिक जुड़ाव को मज़बूत करने में फाउंडेशन और विश्वविद्यालयों के सहयोगात्मक दृष्टिकोण की सराहना की।
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