हैदराबाद/ सुकमा , नवम्बर 22 -- तेलंगाना में शनिवार को तीन बड़े और इनामी नक्सलियों सहित 37 ने आत्मसमर्पण करते हुए मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में से 23 छत्तीसगढ़ के निवासी है।
हथियार डालने वाले में तीन वांछित माओवादियों पर तेलंगाना सरकार ने 20-20 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। अधिकारियों ने इसे माओवादियों के नेतृत्व के लिए गंभीर आघात बताया।
इनामी नक्सलियों की पहचान कोय्याल सांब्य्या उर्फ़ आज़ाद, अप्पासी नारायण उर्फ़ रमेश और मुचाकी सोमड़ा के रूप में की गई है। इनमें से दो तेलंगाना में आंध्र प्रदेश क्षेत्र के रहने वाले हैं, जबकि एक छत्तीसगढ़ का निवासी है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, ये माओवादी काफी समय से संगठन की रणनीतिक योजनाओं, बड़े हमलों के निर्देश और कैडर संचालन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल रहे थे।
आत्मसमर्पण के तुरंत बाद तेलंगाना सरकार ने प्रत्येक नक्सली को 1,41,000 रुपये की वित्तीय सहायता राशि प्रदान की। अधिकारियों ने बताया कि पुनर्वास योजना के तहत समर्पित नक्सलियों को कौशल विकास, सुरक्षित आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका संबंधी सभी सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि वे समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें।
तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शिवधर रेड्डी ने इसे नक्सलवाद के कमजोर होते ढांचे का संकेत बताया। उन्होंने कहा, "माओवादी नेताओं का आत्मसमर्पण यह दर्शाता है कि संगठन में अंदरूनी असंतोष बढ़ रहा है और विकास की मुख्यधारा में लौटने की चाह तेज़ हुई है।"सुरक्षा बलों के अनुसार, तीनों वरिष्ठ नक्सलियों ने बड़ी संख्या में हथियार भी जमा किए हैं। तेलंगाना पुलिस ने आत्मसमर्पण के बाद पत्रकारों के सामने सभी हथियार प्रदर्शित किए और कहा कि व्यापक पुनर्वास नीति के तहत नक्सलियों से अपील जारी है कि वे हथियारों सहित आत्मसमर्पण कर शांति और विकास की राह अपनाएं।
इस सामूहिक आत्मसमर्पण को दोनों राज्यों की पुलिस ने नक्सल उन्मूलन अभियान के लिए मील का पत्थर करार देते हुए कहा कि आने वाले समय में ऐसी और बड़ी सफलताएँ देखने को मिल सकती हैं।
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