भरतपुर , नवम्बर 26 -- पर्यटन के नक्शे पर जलमहलों की नगरी के नाम से विख्यात राजस्थान में डीग जिला मुख्यालय पर तालाबों में गंदे पानी, मरती मछलियों और घाटों की सफाई की मांग को लेकर बुधवार को बड़ी संख्या में लोगों ने अनशन शुरू कर दिया।
आंदोलनकारियों का आरोप है कि करीब तीन हजार घरों का सीवरेज का पानी सीधे तालाबों में आता है। कई लोगों ने शौचालय के टैंक भी नहीं बनवा रखे हैं, जिससे मल-मूत्र सीधे तालाबों में मिल रहा है। बृज में आस्था की प्रतीक 84 कोस की परिक्रमा के दौरान लाखों श्रद्धालु इन तालाबों में स्नान करते हैं। श्रद्धालु प्रसाद के रूप में यही बदबूदार जल ग्रहण करने को मजबूर होते हैं।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि हजारों देशी-विदेशी पर्यटक जल महल देखने आते हैं, लेकिन तालाबों के बदबूदार पानी को देखकर उनका मोहभंग हो जाता है। जलीय प्रदूषण की वजह से तालाबों में मछलियों की मौत हो रही हो जिससे दुर्गंध फैल रही हैं। अनशनकारियों ने स्पष्ट किया है कि जब तक गटर का पानी तालाबों में आना बंद नहीं होता और घाटों की उचित सफाई नहीं होती, तब तक उनका अनशन जारी रहेगा।
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