चेन्नई, सितंबर 27 -- अभिनेता से राजनेता बने और तमिल वेत्री कझगम (टीवीके) के संस्थापक विजय द्वारा करूर में शनिवार को आयोजित जनसंपर्क कार्यक्रम में मची भगदड़ में कम से कम 33 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज़्यादा लोगों का इलाज चल रहा है।

तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने शुरुआत में मृतकों की संख्या 29 बताई थी और 50 लोगों का करूर के सरकारी अस्पताल और निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

इस बीच, अस्पताल का दौरा करने और घायलों से मिलने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मंत्री वी सेंथिलबालाजी ने आधिकारिक तौर पर पुष्टि की कि इस त्रासदी में 33 लोगों की मौत हो गई है और हताहतों की संख्या में और वृद्धि को रोकने के लिए सभी आपातकालीन उपाय किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि त्रिची जैसे पड़ोसी जिलों और सलेम एवं अन्य क्षेत्रों से भी अधिक संख्या में डॉक्टरों को बुलाया गया है और घायलों के इलाज के लिए करूर पहुँचने को कहा गया है।

रिपोर्टों के अनुसार, जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ा, भीड़ में कई लोग बेहोश हो गए और उन्हें चक्कर आने और सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत हुई। उन्हें करूर मेडिकल कॉलेज अस्पताल और पास के निजी अस्पतालों में ले जाया गया।

मृतकों में महिलाएं और बच्चे शामिल है और यह हादसा विजय के संक्षिप्त संबोधन के बाद कार्यक्रम स्थल से निकलने के तुरंत बाद हुआ।

मृतकों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है क्योंकि भारी संख्या में और अभूतपूर्व भीड़ थी, जो 13 सितंबर को त्रिच्योन में पहले चरण और 20 सितंबर को नागपट्टिनम में दूसरे चरण और उससे पहले नमक्कल जिले में हुई रैली में देखी गई भीड़ से कहीं अधिक थी। रैली में पड़ोसी जिलों सहित विभिन्न जिलों से हजारों लोग आए थे, जो मानवों की सुनामी जैसा था।

मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने करूर जिला कलेक्टर से बात की और स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि करूर से आ रही खबरें चिंताजनक हैं और उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री सेंथिलबालाजी और मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी को घायलों और अस्पतालों में भर्ती लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है।

श्री स्टलेन कल स्थिति का जायजा लेने, घायलों से मिलने और मृतकों के परिवारों को सांत्वना देने के लिए करूर जाएँगे। उन्होंने एडीजीपी कानून-व्यवस्था को सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए करूर पहुँचने का निर्देश दिया है। साथ ही पड़ोसी जिलों के कलेक्टरों को राहत कार्यों में सहायता के लिए करूर भेजने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने अस्पताल अधिकारियों को अस्पताल में भर्ती सभी लोगों को सर्वोत्तम उपचार प्रदान करने का भी निर्देश दिया है।

इस बीच श्री सेंथिलबालाजी ने अस्पताल में घायलों से मिलने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बाल रोग विशेषज्ञों सहित पर्याप्त डॉक्टर मौजूद हैं और सभी डॉक्टर ड्यूटी पर हैं। पड़ोसी जिलों से और डॉक्टर करूर पहुँच रहे हैं और दवाओं का पर्याप्त भंडार है और अधिक मौतें रोकने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं" साथ ही निजी अस्पतालों, जहाँ कुछ लोगों को इलाज के लिए ले जाया गया था, को उनसे कोई शुल्क नहीं लेने को कहा गया है।

इस बीच, पीएमके अध्यक्ष डॉ. अंबुमणि रामदास ने इस त्रासदी पर दुख और चिंता व्यक्त की और घटना की उच्च स्तरीय जाँच की माँग की।

यहाँ एक बयान में उन्होंने कहा कि इस त्रासदी को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता और भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस की ओर से हुई चूक को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया।

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