चेन्नई , अक्टूबर 24 -- तमिलनाडु सरकार ने हरित पहल के तहत ताड़ बीज रोपण मिशन-2025 शुरू किया है, जिसके अंतर्गत राज्य में क्षेत्र को हरा भरा बनाने के लिये एक करोड़ से अधिक ताड़ के पौधों को रोपित किया जायेगा।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, तमिलनाडु सरकार के मार्गदर्शन में, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन विभाग, हरित तमिलनाडु मिशन, तमिलनाडु स्वयंसेवक संगठन, जिला प्रशासन और गैर-सरकारी संगठनों ने संयुक्त रूप से "पाम सीड प्लांटेशन मिशन -2025" को लॉन्च किया है।

इस हरित पहल के तहत तमिलनाडु में एक करोड़ से अधिक ताड़ के बीजों का रोपण किया जा रहा है जिसमें प्रत्येक ग्राम पंचायत को 5,000 बीज आवंटित किये गये हैं।

यह मिशन 16 सितंबर, 2025 को शुरू हुआ और पूरे राज्य में जबरदस्त प्रगति हासिल कर रहा है और 23 अक्टूबर तक 38 जिलों में 72 लाख से अधिक ताड़ के बोजों को रोपित किया जा चुका हैं। इस कार्यक्रम का समन्वय हरित तमिलनाडु मिशन, जिला प्रशासन और तमिलनाडु स्वयंसेवकों ने किया है।

प्रत्येक रोपण गतिविधि का उधवी ऐप के माध्यम से डिजिटल दस्तावेजीकरण किया जाता है, जिसमें फोटोग्राफ और जियो-टैग्ड निर्देशांक (अक्षांश और देशांतर) शामिल हैं। यह वास्तविक समय में ट्रैकिंग, क्षेत्र सत्यापन और अंकुरित पौधों की दीर्घकालिक देखभाल सुनिश्चित करता है।

हरित पहल में भाग लेने वालों को उनके योगदान के लिए तमिलनाडु सरकार का मान्यता प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।

आधिकारिक तौर पर तमिलनाडु का राज्य वृक्ष ताड़ का पेड़ जलवायु सापेक्ष , पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

ताड़ का पेड़ पारिस्थितिकी, प्राकृतिक जल संरक्षक, भूजल पुनर्भरण को बढ़ाता है और मृदा अपरदन को रोकता है। पेड़ का हर हिस्सा - पत्ती, फल, रस, रेशा और छाल - स्थायी आजीविका के अवसर प्रदान करता है। ताड़ का वृक्ष स्थिरता का प्रतीक है, जो करीब 100 से ज़्यादा वर्षों तक जीवित रहता है।

तमिलनाडु सरकार राज्य के भू-भाग के 33 प्रतिशत तक हरित आवरण बढ़ाने के अपने मिशन पर काम कर रही है। ताड़ का पेड़ एक प्राकृतिक जलवायु समाधान है, जो मिट्टी, पानी, हवा और जैव विविधता का संरक्षण करता है।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित