चेन्नई , अक्टूबर 28 -- तमिलनाडु सरकार ने मंगलवार को पल्लीकरनई रिजर्व फॉरेस्ट रामसर स्थल के भीतर एक बहुमंजिला इमारत परियोजना के लिए पर्यावरणीय मंज़ूरी और योजना अनुमोदन प्रदान किए जाने की खबरों का खंडन किया।

राज्य के पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और वन विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मूल रूप से पल्लीकरनई क्षेत्र में लगभग 698 हेक्टेयर क्षेत्र को तमिलनाडु वन अधिनियम, 1882 के तहत आरक्षित वन के रूप में अधिसूचित किया गया था। यहीं क्षेत्र पल्लीकरनई मार्श रिजर्व फॉरेस्ट कहलाता है और इस संरक्षित क्षेत्र में वन विभाग द्वारा भवन निर्माण की कोई अनुमति नहीं दी गई है।

विज्ञप्ति में बताया गया है कि इस आरक्षित वन को आर्द्रभूमि सम्मेलन, 1971 के तहत रामसर स्थल के रूप में नामित किया गया है, जिसे आर्द्रभूमि (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2017 के तहत 'आर्द्रभूमि' के रूप में अधिसूचित कर कानूनी मान्यता दी जाएगी। इस अधिसूचित आद्रभूमि क्षेत्र में मौजूदा पल्लीकरनई मार्श रिजर्व फ़ॉरेस्ट का 698 हेक्टेयर और 550 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र भी शामिल है, लेकिन इस अतिरिक्त क्षेत्र को अभी चिन्हित नहीं किया गया है। अभी राष्ट्रीय सतत तटीय प्रबंधन केंद्र (एनसीएससीएम) को नवंबर 2024 में विशिष्ट सर्वेक्षण संख्याओं के साथ सीमाओं का निर्धारण करने का कार्य सौंपा गया है।

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